डाउन टू अर्थ, 06 नवम्बर हाल ही में जारी अनुमानों से पता चला है कि सदी के अंत तक भारत के वार्षिक औसत तापमान में 3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और जलवायु परिवर्तन की वास्तविक कीमत का आंकलन कर रहे शोध संस्थान क्लाइमेट इम्पैक्ट लैब द्वारा जारी आंकड़ों में सामने आई है। इस बारे में जारी नए आंकड़ों से पता चला है...
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एफसीआई गोदाम में सड़ते अनाज में लगे सुसरी कीट, गंभीर जैविक प्रदूषण के लिए एनजीटी ने दिया जांच का आदेश
डाउन टू अर्थ, 02 नवम्बर पंजाब के पटियाला में सरहिंद रोड पर फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) के गोदाम में भंडारित अनाज का सही प्रबंधन न होने के कारण वह सड़ने लगा है। इस सड़ते हुए अनाज में सुसरी कीटों (फ्लोर बीटल) लग गए है जो कि आस-पास के क्षेत्रों में लोगों के लिए गंभीर जैविक प्रदूषण की परेशानी का सबब बन चुके हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने याचिकाकर्ता एचसी सिंगला...
More »झारखंड: आदिवासी इलाकों में ग्राम सभाएं बचा रही हैं ज़मीनी लोकतंत्र
द वायर, 4 अक्टूबर लोकतंत्र पर से लोगों का भरोसा उठ रहा है. कथित सभ्य समाज के ढांचे में भी कई लोगों को बदलाव की उम्मीद नहीं दिखती. समाज में बढ़ते व्यक्तिवाद ने एक दूसरे पर भरोसा करने के जीवन-मूल्य को भी प्रभावित किया है. संवाद के रास्ते बंद दिखाई पड़ते हैं. स्थितियों को व्यापकता से देखने-समझने का नजरिया, जिसमें शोषित और पिछड़े तबके के लोगों के लिए भी रोजी-रोजगार के...
More »दिल्ली सहित कई शहरों में आवास और आजीविका के विस्थापन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
~ प्रेस विज्ञप्ति नई दिल्ली, 6 सितंबर, 2022: आज जब हम 76वें स्वतंत्रता दिवस और आज़ादी का अमृत महोत्सव को मना रहे हैं, उसी समय झुग्गियों, बस्ती कॉलोनियों में रहने वाले और असंगठित क्षेत्र के हजारों श्रमिकों को उनके घरों से बेदखल कर दिया गया है, जिन्हें बिना किसी पुनर्वास के अपनी आजीविका से वंचित भी कर दिया गया है, वे "बुलडोजर राज" के खिलाफ़ जंतर-मंतर पर अपनी आवाज उठाने के...
More »गरीबी और असमानता
[inside] इंडिया में आर्थिक असमानता: “अरबपति राज” में ब्रिटिश राज से भी ज्यादा है असमानता - रिपोर्ट [/inside] इंडिया के भौगोलिक आकार और जनसंख्या, जो अब दुनिया में सबसे अधिक है, को देखते हुए इंडिया में आर्थिक विकास का वितरण विश्व की आर्थिक असमानता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। इसलिए इंडिया में आय और संपत्ति की असमानता को सटीक रूप से मापना अत्यधिक आवश्यक है। हाल ही में वर्ल्ड इनइक्वलिटी डाटाबेस ने...
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