किसी भी समाज की खुशहाली का अनुमान उसके बच्चों और माताओं को देख कर लगाया जा सकता है। पर जिस समाज में हर साल तीन लाख बच्चे एक दिन भी जिंदा नहीं रह पाते और करीब सवा लाख माताएं हर साल प्रसव के दौरान मर जाती हैं, उस समाज की दशा का अंदाजा लगाया जा सकता है। जब देश में आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं की कोई कमी नहीं है, तब ऐसा...
More »SEARCH RESULT
क्यों बढ़ रही है इलाज में लापरवाही-- महेन्द्र अवधेश
ओड़िशा एक बार फिर शर्मसार है। दाना मांझी प्रकरण की कालिख से बदरंग हुआ चेहरा भी राज्य सरकार को सबक नहीं दे सका। बीते अठारह अक्तूबर को राउरकेला जिला अस्पताल में लहुणीपाड़ा निवासी बबलू भूमिज अपनी ढाई साल की बच्ची का शव घर ले जाने के लिए एक अदद एंबुलेंस की खातिर डॉक्टरों की मनुहार करते रहे, लेकिन चौबीस घंटे तक भरसक प्रयास करने के बावजूद वह अंतत: नाकाम रहे।...
More »कुपोषण से कैसे लड़ सकते हैं-- रीतिका खेड़ा
हाल ही में जारी ग्लोबल हंगर इंडेक्स-2016 में 118 देशों की सूची में भारत को 97वें स्थान पर रखा गया है। हममें से जो लोग भारत में भूख और पोषण से संबंधित मुद्दों की उपेक्षा के लिए चिंतित रहते हैं, उनके लिए ये आंकड़े बड़ी खबर हैं, जिसने मीडिया का भी ध्यान खींचा है। कुपोषण एक ऐसी समस्या है, जो विभिन्न पीढ़ियों में पाई जाती है। एक कुपोषित मां द्वारा एक...
More »शिवपुरी के खिसलौनी गांव में कुपोषित बच्ची की हालत गंभीर
बामौरकलां(शिवपुरी)। मुख्यालय से 150 किमी दूर खनियांधाना विकासखंड के आदिवासी बाहुल्य खिसलौनी गांव के वीरसिंह आदिवासी की महज ढाई साल की बेटी चांदनी जन्म से ही कुपोषण से ग्रसित है। बावजूद इसके महिला बाल विकास से लेकर कुपोषण मिटाने के अभियान से जुड़े किसी एनजीओ ने इस लाड़ली की सुध नहीं ली। अस्पताल लाने से पहले गर्भवती मां ने तोड़ा दम : चांदनी को जन्म देने वाली उसकी मां वीरवती को...
More »जननी एक्सप्रेस बंद, साइकल से लाना पड़ा प्रसूता को
छतरपुर, बकस्वाहा। दिल दहलाने वाली घुवारा की खबर के बाद बकस्वाहा के शहपुरा में जननी की वास्तविक व्यथा का मामला सामने आया है। प्राप्त जानकारी अनुसार पार्वती पति महेश आदिवासी उम्र 26वर्ष निवासी पाली अपने मायके ग्राम शहपुरा आई थी आज अचानक प्रसव वेदना बढ़ने पर उसके पिता नन्हेभाई तनय हीरालाल आदिवासी ने जननी एक्सप्रेस संचालक को फोन लगाया । तब पता चला कि पिछले एक माह से जननी एक्सप्रेस ठेकेदार द्वारा...
More »