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जैविक खेतीः सामूहिक प्रयास ज्यादा मुनाफा

-इंडिया वाटर पोर्टल, देश में कृषि सुधार विधेयक पर जमकर घमासान मचा हुआ है। सरकार जहां इस विधेयक को ऐतिहासिक और किसानों के हक़ में बता रही है, वहीं विपक्ष इसे किसान विरोधी विधेयक बता कर इसका पुरज़ोर विरोध कर रहा है। हालांकि संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद यह विधेयक अब राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जा चुका है, जिनकी सहमति के बाद विधेयक लागू हो...

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मानसून की भारी बारिश से डूबे खेत, कीटों के हमले बढ़े- खरीफ की फसल पर पड़ेगा बुरा असर

-द प्रिंट, प्रमुख खरीफ फसलों के रकबे में रिकॉर्ड वृद्धि के बावजूद सामान्य से अधिक मानसूनी बारिश के कारण सोयाबीन और दलहन के उत्पादन में गिरावट आई है. देशभर में इस सीजन में 6.6 प्रतिशत अधिक मानसूनी बारिश हुई है, जिसमें किसानों ने अपनी खरीफ फसलों को पिछले वर्ष की तुलना में 6.3 प्रतिशत अधिक रकबे में बोया था. अत्यधिक बारिश ने खेत में बाढ़ और जलजमाव की स्थिति ला दी और कीट-पतंगों...

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भारी बारिश बन रही है किसानों के लिए नुकसान का सबब

-डाउन टू अर्थ, बारिश न हो तो किसान को नुकसान होता है और बारिश बहुत ज्यादा हो तो किसान को नुकसान होता है। कुछ ऐसा 2019 में हुआ। 2019 में मॉनसून के बाद अच्छी बारिश हुई थी, इसलिए किसान उम्मीद कर रहे थे कि बंपर पैदावार होगी। लेकिन मार्च से अप्रैल के बीच देशभर में 354 भारी बारिश की घटनाएं हो गईं। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, यह बारिश 64.5...

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सुंदरबन के संघर्षरत ग्रामीणों को अम्फन ने दिया एक गंभीर झटका -अभिजीत जाधव

-VillageSquare.in खड़ी फसलों की बर्बादी और समुद्री पानी घुसने से मिट्टी खारी हो जाने के साथ, चक्रवात ने ग्रामीणों की कुपोषण और खाद्य सुरक्षा सम्बन्धी समस्याओं में बढ़ोत्तरी की है, जिससे लॉकडाउन के संकट से जूझ रहे ग्रामीणों की स्थिति बदतर हुई है महाचक्रवात अम्फान, सुंदरबन के हाल के इतिहास में सबसे भयानक चक्रवातों में से एक था। 20 मई को आए चक्रवात से पश्चिम बंगाल के तटीय जिले, उत्तर 24 परगना,...

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किसानों से ज्यादा निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने वाले मोदी सरकार के हालिया कृषि अध्यादेश

-कारवां, उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के टोला गांव के रामसेवक चार बीघे के किसान हैं. हाल ही में नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा अध्यादेश लाकर किए गए खेती से संबंधित पुराने कानून में संशोधन और दो नए कानूनों का जिक्र करते हुए वह कहते हैं, "हम कानून-आनून नईं जानत, जो कछू जानत हैं, वो इत्तो कि हमाये खेत, हमाई मेहनत, हम का बोएं, का पैदा करें, कोऊ दूसरो कैसे बता सकत!" ठेका...

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