संसद में शुक्रवार को पेश वित्त वर्ष 2015-16 की आर्थिक समीक्षा की मुख्य बातें इस प्रकार हैं। - जीडीपी की वृद्धि 2016-17 में 7-7.5 प्रतिशत रहेगी। - चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रहेगी, यदि निर्यात में तेज बढ़ोतरी हो तो दीर्घकाल में संभावित वृद्धि की क्षमता 8-10 प्रतिशत तक। - वैश्विक स्तर पर निराशा के वातावरण में भारत स्थिरता की भूमि। - कच्चे तेल का भाव अगले वित्त वर्ष में 35...
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जहां हम सब असहाय हैं-- रंजना कुमारी
हमारे देश में जिस तरह का कानून है, उसमें निर्भया के गुनहगार को बाहर आना ही था। ‘जुवेनाइल जस्टिस ऐक्ट' के तहत अपराधी को तीन साल ही बाल सुधार गृह में रखा जा सकता है। मगर यहां इस बात पर जरूर गौर किया जाना चाहिए कि पिछले तीन वर्षों में इस अपराधी की मानसिकता में सुधार क्यों नहीं हुआ? सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से यह साफ-साफ पूछा कि...
More »लोकतंत्र की जड़ में राजनीति का मट्ठा - सुभाष कश्यप
अब जाकर उम्मीद जगी है कि आज से तीन दिन संसद के शीतकालीन सत्र में थोड़ा-बहुत विधायी कामकाज हो सकेगा। लेकिन क्या पहले ही बहुत देर नहीं हो चुकी है? पहले समूचे मानसूत्र सत्र और अब शीतकालीन सत्र के एक बड़े हिस्से के दौरान लोकतंत्र का मंदिर कही जाने वाली संसद में जो कुछ देखने को मिला है, वह बेहद दु:खद और अप्रत्याशित रहा है। संसद के दोनों ही सदनों...
More »आर्थिक सुधार में नाकामी निवेश को प्रभावित कर सकती है: मूडीज
नयी दिल्ली : मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने आज आगाह किया कि भारत में आर्थिक सुधारों की रफ्तार टूटने से निवेश प्रभावित हो सकता है और यह भारतीय कंपनियों के लिए एक प्रतिकूल-बात होगी. मूडी ने साथ ही यह भी कहा है कि ज्यादतर कंपनियों को देश की अर्थव्यवस्था की मौजूदा बुनियादी मजबूती और मौद्रिक नीति में नरमी से फायदा होगा. मूडीज ने कहा कि कमजोर वैश्विक रुख और अमेरिका द्वारा...
More »आदिवासियों के लिए नए खतरे-- के सी त्यागी
निजी क्षेत्र के उद्योगों को वन भूमि आवंटित करने वाले सरकार के हालिया फैसले ने एक बार फिर आदिवासियों को चिंतित किया है। केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा लिए गए फैसले से निजी कंपनियों को पेड़ों की कटाई की आजादी होगी। यह विधेयक संसद के आगामी सत्र में पेश किया जा सकता है, लेकिन साफ है कि इस दिशा में किसी भी तरह का संशोधन वन अधिकार अधिनियम को...
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