-कारवां, जारी किसान आंदोलन में पंजाब के कलाकार भी बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं. यह अभूतपूर्व है क्योंकि आमतौर पर भारत में फिल्मी कलाकार, कुछेक अपवाद को छोड़ कर, अमूमन राजनीतिक स्टैंड लेने से बचते है, तब भी जब देश की राजनीति उन्हें सीधे प्रभावित करती है. हाल में हिंदी फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद कुछ विशेष कलाकारों पर दक्षिणपंथियों के हमले के समय भी देखा...
More »SEARCH RESULT
लॉकडाउन के बाद भी भुखमरी और सिकुड़ती आय के खतरे बरकरार!
11 राज्यों के 3,994 उत्तरदाताओं के बीच एक सर्वेक्षण के प्रारंभिक निष्कर्षों से पता चलता है कि अधिकांश कमजोर परिवारों और समुदायों, जैसे कि एससी, एसटी, ओबीसी, पीवीटीजी, झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वाले, दिहाड़ी मजदूर, किसान, एकल महिला परिवार, इत्यादि में लॉकडाउन से पहले उनकी आय के स्तर की तुलना में सितंबर-अक्टूबर के दौरान उनकी आय कम रही है. राइट टू फूड कैंपेन और सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज (टेलीफोनिक सर्वेक्षण के...
More »कब मिलेगी प्रवासी मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा?
-न्यूजक्लिक, वैसे तो अनौपचारिक क्षेत्र में कार्यरत प्रवासी मजदूरों के कल्याण के संरक्षण को लेकर कई कानून मौजूद हैं, लेकिन वे शायद ही कभी अमल में लाये जाते हैं। एक आदिवासी प्रवासी महिला की मौत ने जो कि भिवंडी के नजदीक धान के खेतों में काम करती थी, की मौत ने प्रवासी मजदूरों की सामजिक सुरक्षा की जरूरत को एक बार फिर से रेखांकित किया है। चालीस वर्षीया चन्द्राबाई थालेकर, जिनके तीन...
More »जो प्याज हम 60-90 रुपए प्रति किलो में खरीद रहे, वही प्याज किसानों से 25-30 रुपए किलो के भाव से खरीदा जा रहा
पांच नवंबर को मुंबई में खुदरा भाव में प्याज 90 रुपए किलो, दिल्ली और लखनऊ में 70 रुपए किलो तो बनारस के आसपास प्याज 60 से 80 रुपए किलो में बिका। लेकिन प्याज की एक बड़ी मंडी में छह नवंबर को एक किसान का प्याज 1,500 रुपए कुंतल में और एक दूसरे किसान का 1,100 रुपए कुंतल यानी थोक में 15 और 11 रुपए किलो के हिसाब से बिका। मध्य...
More »महाराष्ट्र: उस्मानाबाद में पानी से लबालब बांध देखकर किसानों ने खेती में लगाए लाखों रुपए, अब खेत में सूख रही फसल
-गांव कनेक्शन, अपने पास गांव के पास के डैम को पानी से भरा देखकर युवा किसान देवराव नलावडे करीब 2 लाख रुपए खर्चकर जलगांव के केले की पौध लाए थे। बांध से खेत तक पाइप लाइन बिछाई थी। लेकिन इससे पहले की उनके खेत में केले की रोपाई हो पाती। निचले इलाके के गांवों को खतरे से बचाने के लिए नाले के एक हिस्से को काटकर छोड़ दिया गया। पानी नदी...
More »