पटना : राज्य की न्यायिक सेवा में पिछड़ा, अति पिछड़ा, अनुसूचित जाति व जनजाति को 50 फीसदी आरक्षण मिलेगा. मंगलवार को राज्य कैबिनेट की हुई बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी. आरक्षण का यह प्रावधान बिहार उच्च न्यायिक सेवा (एडीजे) और बिहार असैनिक सेवा, न्याय (जूडिशियल मजिस्ट्रेट) में लागू होगा. कैबिनेट के फैसले के मुताबिक अब बिहार न्यायिक सेवा और उच्च न्यायिक सेवा में अति पिछड़ा...
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जातीय संघर्ष के ज्वालामुखी--- सतीश पेडणेकर
इन दिनों महाराष्ट्र में जो हो रहा है वह अद्भुत है। महाराष्ट्र महारैलियों का प्रदेश बन गया है। राज्य के जिलों में भी मराठाओं की विशाल रैलियां निकल रही हैं, जिनमें लाखों लोग जुट रहे हैं। कुछ समय पहले तक कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था कि जिले-जिले में ऐसी महारैलियां निकल सकती हैं। ये महारैलियां इस बात की प्रतीक हैं कि राज्य की एक तिहाई आबादी वाली मराठा...
More »दमन का दंश-- मुकेश भारद्वाज
नवउदारवाद के निजामों ने पिछले ढाई दशकों के दौरान स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के उदारवादी मूल्यों को चुनौती दी। बाजार के हाहाकार में सामंती मूल्यों को ही स्थापित करने की कोशिश की गई। स्त्रियों, दलितों सहित अन्य दमित वर्गों को समझाया गया कि बाजार सारी गैरबराबरी मिटा देगा। गुजरात का विकास मॉडल अभी बाजार में भुनाया ही जा रहा था कि कलक्टर साहब के दफ्तर के आगे और सड़कों पर...
More »आर्थिक विकास के लिए नीतियां जरूरी
वैश्विक होती अर्थव्यवस्था के दौर में समान विकास की अवधारणा मजबूत हो रही है. नीति-निर्माता से लेकर आर्थिक विशेषज्ञ इस बात पर एकमत हैं कि विकास दर जरूरी है, लेकिन बिना आर्थिक असमानता को दूर किये विकास अधूरा है. इस व्यापक सोच के साथ रांची में ‘इंटरनेशनल काॅन्फ्रेस ऑन इन्क्लूसिव एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट इन झारखंड: चैलेंज एंड अपॉर्चुनिटी' विषय पर तीन दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है. पूर्वी भारत...
More »'प्रभु' से सवाल - 'जननी' की सेवा में 'जनक' को क्यों भूल गए...?
रेलवे से एक ख़बर आई है - अब 'जननी सेवा' के तहत चुनिंदा ट्रेनों और स्टेशनों पर बच्चों के लिए दूध, गर्म पानी, बेबी फूड वगैरह उपलब्ध कराया जाएगा... इस ख़बर को इस संदर्भ में देखा जा रहा है कि इससे छोटे बच्चों को साथ लेकर चलने वालों के लिए ट्रेन का सफर आसान हो जाएगा... ख़बर अच्छी है भी, लेकिन मेरे नज़रिये से 'प्रभु' के इस तोहफे में थोड़े-से...
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