SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 100

एक दिल्ली और दो 'जन्तर-मन्तर'- अलका आर्य

हाल ही में मैं दिल्ली की तपती गर्मी को पीठ दिखाते हुए संसद से कुछ ही फासले पर स्थित जंतर-मंतर गई तो मन में पहला सवाल यही उठा कि क्या यह वही स्थान है, जहां 16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया गैंगरेप कांड के बाद भारी संख्या में लोगों ने लगातार कई दिनों तक सरकार व व्यवस्था के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर दुनिया का...

More »

100 फीसदी मतदान की तैयारी में एक गांव- मिथिलेश झा

देश में मतदान को अनिवार्य बनाने और मतदान नहीं करनेवालों पर जुर्माना लगाने की बहस अभी ठीक से शुरू भी नहीं हुई है. विशेषज्ञ कह रहे हैं कि भारत जैसे विशाल लोकतंत्र में यह मुमकिन नहीं है. व्यावहारिक नहीं है. लेकिन, गुजरात के राजकोट में एक गांव है, जिसने विशेषज्ञों को गलत साबित कर दिया है. इस गांव में सभी वोटरों के लिए मतदान करना अनिवार्य है. वर्ष 2009 के आम...

More »

पार्टी की राजनीति ने गांव की एकता को तोड़ दिया है : राधा भट्ट

गांधी और उनके ग्राम स्वराज के सपने पर नयी दिल्ली स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान की अध्यक्ष और प्रसिद्ध गांधीवादी राधा भट्ट्र से  पंचायतनामा के लिए संतोष कुमार सिंह ने बातचीत की. प्रस्तुत है  प्रमुख अंश : अक्सर इस बात पर चर्चा होती है कि भारत गांवों का देश है,  देश की प्रगति तभी संभव होगी जब गांवों की प्रगति होगी? लेकिन वास्तविकता के धरातल पर इस चर्चा को कितनी जगह मिल पायी...

More »

इतनी बदकिस्मत क्यों हैं बेटियां- तवलीन सिंह

भारत की महिलाओं के हाल पर इस बार मैं सिर्फ इसलिए लिख रही हूं, क्योंकि अगले हफ्ते विश्व महिला दिवस है। इसलिए भी लिख रही हूं, क्योंकि मैं शर्मिंदा हूं कि एक महिला पत्रकार होने के बावजूद, मैं महिलाओं के बारे में सिर्फ उस वक्त लिखती हूं, जब किसी निर्भया के साथ इस देश के किसी गांव या शहर में मर्द हैवान की तरह पेश आते हैं। निर्भया के जाने के...

More »

राहत का अल्पविराम- प्रियंका दुबे

12 नवंबर, 2013 को सर्वोच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद रिहा हुई 36 वर्षीया सोनी सोरी की कहानी जितनी माओवादियों और पुलिस के अत्याचारों के बीच फंसे एक आम आदिवासी की मुश्किलें दिखाती है उतनी ही ‘माओवादी या माओवादी समर्थक’ होने के धुंधले आरोपों के तहत छत्तीसगढ़ की जेलों में न जाने कितने लंबे समय के लिए धकेल दिए गए सैकड़ों निर्दोष आदिवासियों की त्रासदी भी. माओवादी संघर्ष के...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close