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एक और अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट में पुष्टि- भारतीय कफ सीरप के चलते ही गांबिया में बच्चों की मौत हुई थी

द वायर, 26 मई  गांबिया की एक और रिपोर्ट बताती है कि पिछले साल इस देश में 70 बच्चों की मौत भारतीय दवा निर्माताओं द्वारा बनाए गए एक उत्पाद, जिसमें विषाक्त पदार्थ (टॉक्सिन) थे, के चलते गुर्दे को पहुंचे गंभीर नुकसान के कारण हुई थी ये टॉक्सिन डायथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) और एथिलीन ग्लाइकॉल (ईजी) थे. यह रिपोर्ट, जिसमें मौत की वजहों का आकलन किया गया है, (कैज़ुअलटी असेसमेंट रिपोर्ट) इस तरह का...

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वैश्विक अर्थव्यवस्था को 248 लाख करोड़ का नुकसान पहुंचा सकता है 2023 में बनने वाला अल नीनो

डाउन तू अर्थ , 20 मई वैज्ञानिकों के मुताबिक 2023 में बनने वाली अल नीनो की घटना न केवल इस साल नुकसान पहुंचाएगी, बल्कि साथ ही इसका प्रभाव 2029 तक दर्ज किया जाएगा। रिसर्च से पता चला है कि इस अल नीनो के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था को 2029 तक 247.97 लाख करोड़ रुपए (तीन लाख करोड़ डॉलर) तक  का नुकसान हो सकता है। इतना ही नहीं यदि वैश्विक उत्सर्जन परिदृश्य को देखें...

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लंपी रोग फिर लौटा, चार राज्यों में फैला, बगैर वैक्सीनेशन के स्थिति बदतर होने की आशंका

 रूरल वॉयस, 19 मई पिछले साल मई और जून में देश के दर्जन भर राज्यों में करीब एक लाख गौवंश की बलि लेने वाले लंपी स्किन रोग (एलएसडी) ने इस साल भी दस्तक दे दी है। आने वाले दिनों में इसके तेजी से फैलने की आशंका है क्योंकि यह रोग इसी समय फैलता है। इस समय लंपी रोग का सबसे अधिक असर उत्तराखंड में है। हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में...

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जानलेवा प्रदूषण: पारंपरिक चूल्हों की तुलना में दो गुणा ज्यादा पीएम0.1 उत्पन्न करते हैं उन्नत कुकस्टोव

डाउन टू अर्थ 16 मई आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पारंपरिक चूल्हों की तुलना में उन्नत कुकस्टोव कहीं ज्यादा मात्रा में प्रदूषण के अत्यंत महीन कणों का उत्सर्जन करते हैं। देखा जाए तो इन उन्नत चूल्हों का विकासशील देशों में खाना पकाने के लिए बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। लेकिन हाल ही में यूनिवर्सिटी ऑफ सरे ने अपने अध्ययन में इस बात की पुष्टि की है कि यह...

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भारतीय मॉनसून पर असर डालती उत्तरी ध्रुव की बदलती जलवायु

मोंगाबे हिंदी, 15 मई उत्तरी ध्रुव में पिछले एक हजार साल के ठंडे और गर्म मौसम के दौर को एक अध्ययन के जरिए फिर से बनाया या रीकंट्रस्ट किया गया है। इसमें पाया गया है कि इस दौरान भारत के मॉनसून में भी बदलाव देखा गया। भारत के नेशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओशन रिसर्च (NCPOR) के वैज्ञानिकों का कहना है कि गर्म उत्तरी ध्रुव की स्थिति भारतीय उपमहाद्वीप में बहुत ज़्यादा...

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