SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1023

आवास और आजीविका के विस्थापन के ख़िलाफ़ जंतर-मंतर पर विरोध-प्रदर्शन

जनचौक,07 सितम्बर, बुलडोजर राज बंद करो”, “शहरी गरीबों को अधिकार देना होगा”, “बिना पुनर्वास विस्थापन बंद करो”, “जिस जमीन पर बसे हैं, जो ज़मीन सरकारी है, वो ज़मीन हमारी है!” जैसे नारों के साथ कल सैकड़ों छतविहीन, आश्रयहीन, निर्वासित लोग बुलडोजर राज के ख़िलाफ़ जंतर-मंतर पर इकट्ठा हुए। क्या विडंबना है कि आज जब हम समाज के संपन्न लोग देश की कथित आज़ादी के 75वें साल पर अमृत महोत्सव मना रहे हैं,...

More »

दिल्ली सहित कई शहरों में आवास और आजीविका के विस्थापन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

~ प्रेस विज्ञप्ति नई दिल्ली, 6 सितंबर, 2022: आज जब हम 76वें स्वतंत्रता दिवस और आज़ादी का अमृत महोत्सव को मना रहे हैं, उसी समय झुग्गियों, बस्ती कॉलोनियों में रहने वाले और असंगठित क्षेत्र के हजारों श्रमिकों को उनके घरों से बेदखल कर दिया गया है, जिन्हें बिना किसी पुनर्वास के अपनी आजीविका से वंचित भी कर दिया गया है, वे "बुलडोजर राज" के खिलाफ़ जंतर-मंतर पर अपनी आवाज उठाने के...

More »

सरकारी आंकड़े बताते हैं कि कोविड के दौरान भारत का ‘वेतनभोगी वर्ग’ सिकुड़ा, मुस्लिमों पर सबसे ज्यादा असर

दिप्रिंट ,16 अगस्त  कोविड के बाद भारत के जॉब मार्केट में दुख जताने के लिए बहुत कुछ है, जहां रिकवरी दर्दनाक रूप से काफी धीमी रही है. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि जब वेतनभोगी क्षेत्र की बात आती है, तो धार्मिक अल्पसंख्यकों की- मुसलमान, सिख और ईसाईयों की इसी क्रम में भागीदारी सबसे अधिक प्रभावित हुई है. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय का यह नवीनतम आवधिक श्रम बल सर्वे (पीएलएफएस) आंशिक रूप...

More »

आजादी के 75 साल: खत्म नहीं हो रही भारत में गरीबी

DW हिंदी, 12 अगस्त गरीबी से परेशान होकर मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के रहने वाले खुमान अहीरवार 2014 में दिल्ली चले आए थे. दिल्ली आने के बाद उन्होंने पहले तो चौकीदारी का काम किया फिर निर्माण क्षेत्र में मजदूरी करने लगे. कोरोना लॉकडाउन के दौरान वह अन्य श्रमिकों की तरह गांव वापस चले गए और लॉकडाउन खत्म होने के बाद दोबारा दिल्ली लौटे. दिल्ली लौटने के बाद उन्हें काम नहीं मिला,...

More »

उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में जलवायु परिवर्तन का कहर

जनचौक, 06 अगस्त अंधाधुंध सड़क निर्माण और जल विद्युत परियोजनाएं उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को बढ़ा रही हैं जो हाल के वर्षों में बादल फटने और अचानक बाढ़ आने (flash floods) के रूप में प्रकट हो रहा है। हर गुजरते साल के साथ, आपदाओं की आवृत्ति और परिमाण दोनों और अधिक गंभीर होते जा रहे हैं। यह कैसे जमीनी स्तर पर लोगों के जीवन को प्रभावित कर...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close