पेरिस में कारों से निकलने वाला धुआं हो या नई दिल्ली में लकड़ी या गोबर से जलने वाला चूल्हा, वायु प्रदूषण की वजह से विश्व भर में वर्ष 2012 में 70 लाख लोगों की मृत्यु हुई है। यह आंकड़ा विश्व स्वास्थ्य संगठन का है, जिसे बीते मंगलवार को जारी किया गया। इन मौतों में एक-तिहाई से अधिक तेजी से विकसित हो रहे एशियाई देशों में हुई, जहां हृदय और फेफड़े संबंधी...
More »SEARCH RESULT
बिहार : इलाज बना धंधा, बीमारी की आड़ में लाखों की कमाई
इलाज अब धंधा बन गया है. और इस धंधे को चलाने का सबसे बेहतर जरिया नर्सिग होम. लिहाजा, धड़ाधड़ खुल रहे नर्सिग होम का मकसद बेहतर मेडिकल सुविधा देना नहीं, बल्कि धन अजिर्त करना रह गया है. पैसा बनाने की भूख ने इस पेशे को विकृति की हद तक पहुंचा दिया है. सांसत में पड़ी मरीज की जान की कीमत ऐसे नर्सिग होम में खूब वसूल की जाती है. बाजार...
More »कुप्रबंध की संस्कृति- हरिवंश
देश, वाचाल वृत्ति, बौद्धिक विलासिता, पर-उपदेश वगैरह की ‘लचर जीवन संस्कृति’ से नहीं चलता. आज के भारत में सरकार, राजनीति से लेकर समाज स्तर पर यही जीवन संस्कृति है. अमर्त्य सेन जिस ‘आर्ग्यूमेंटेटिव इंडिया’ (बहस में डूबे भारत) की बात करते हैं, उसे जमीन पर देखें-समझें तो बात ज्यादा स्पष्ट और साफ होती है. मूलत: हम बातूनी लोग हैं, बिना कर्म बात-बहस करनेवाले. किसी के बारे में कुछ भी टिप्पणी....
More »महान लोकतंत्र की सौतेली संतानें- अतुल चौरसिया
नर्मदा और टिहरी की जो वर्तमान त्रासदी है उत्तर प्रदेश का सोनभद्र जिला उससे आधी सदी पूर्व ही गुजर चुका है. लेकिन इसका दुर्भाग्य कि नर्मदा, टिहरी के मुकाबले विनाश के कई गुना ज्यादा करीब होने के बावजूद यह आज कहीं मुद्दा ही नहीं है. शायद इसलिए कि सोनभद्र के पास कोई मेधा पाटकर या सुंदरलाल बहुगुणा नहीं हैं. अतुल चौरसिया की रिपोर्ट. फोटो: शैलेंद्र पांडेय. सोनभद्र को देखकर पहली नजर...
More »हवा में अटका ‘जहर’ हजारों लोग बीमार
बंगाल की खाड़ी में आए चक्रवाती तूफान ने दिल्ली-एनसीआर की जान मुश्किल में डाल दी है। पहले ही भयानक प्रदूषण से जूझ रहा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र अब ऐसे मौसमी संक्रमण की चपेट में आया है कि हजारों लोग बीमार हो गए हैं। पिछले तीन दिन से यहां वातावरण में धुंध और धुएं जैसी ऐसी परत छाई हुई है कि लोगों को सांस लेना दूभर हो रहा है। आंखों में चुभन, ब्रान्काटिस,...
More »