दलितों का महत्व अचानक ही बढ़ गया है, तमाम राजनीतिक पार्टियां डॉ. भीमराव अंबेडकर की परंपरा को अपनाने का दावा करते हुए दलितों के साथ अपनापा स्थापित करने में लग गई हैं। संघ परिवार जैसा दलितों का घनघोर विरोधी संगठन भी अंबेडकर के पक्ष में खड़ा होने लगा है। इन बुनियादी तथ्यों पर जरा नजर दौड़ाइए- 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा ने 282 सीटें...
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सुप्रीम कोर्ट का निर्देश : 60 % कोटे में सारे केन्द्रीय कर्मचारियों के बच्चे को शामिल करें संस्कृति
नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने आज संस्कृति स्कूल को अंतरिम उपाय के रूप में निर्देश दिया कि आगामी शैक्षणिक सत्र में 60 फीसदी कोटे में ऐसे सभी केंद्रीय कर्मचारियों के बच्चों को प्रवेश दिया जाए जिनकी नौकरी में स्थानांतरण का प्रावधान है.न्यायमूर्ति ए आर दवे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के अमल पर रोक लगाते हुये संस्कृति स्कूल से कहा कि 60 फीसदी...
More »असमानता की बढ़ती खाई का खतरा--
दुनिया में गरीबी और अन्याय दूर करने के लिए काम करनेवाली संस्था आॅक्सफैम ने क्रेडिट स्विस के आंकड़ों के आधार पर बढ़ती असमानता की जो भयावह तस्वीर खींची है, उसने नवउदारवादी नीतियों की उपयोगिता पर फिर से बहस तेज कर दी है. इस तस्वीर से जहां नवउदारवाद के आलोचक अपनी बात को सही होते हुए पा रहे हैं कि मौजूदा आर्थिक प्रक्रिया के माध्यम से अमीर और अमीर होंगे व...
More »पंचायत चुनाव : आरक्षण को लेकर होगा बदलाव, 90% सीटों का बदलेगा स्वरूप
पटना : अगले साल होनेवाले पंचायत चुनाव में 90 फीसदी सीटों का स्वरूप बदल जायेगा. सिर्फ सामान्य वर्ग की 10 फीसदी सीटें ही यथावत रह पायेंगी. सामान्य वर्ग की अधिकतर सीटें किसी-न-किसी आरक्षित कोटे के अंतर्गत चली जायेंगी. पंचायतों के पदों में आरक्षण को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग इस बार बदलाव करने की तैयारी में है. राज्य निर्वाचन आयोग ने इसका प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है. अभी सरकार...
More »मानवाधिकारों पर चंद खरी बातें - मृणाल पांडे
वर्ष 1950 में संयुक्त राष्ट्र संगठन ने विश्व स्तर पर मानवाधिकारों की व्याख्या करते हुए विश्वयुद्धों से घायल दुनिया को 10 दिसंबर के दिन सालाना मानवाधिकार दिवस मनाने का संदेश दिया था। उस व्याख्या का मसौदा बाइबिल के बाद दुनिया का सबसे अधिक अनूदित दस्तावेज बताया जाता है। लेकिन मानवाधिकार दिवसों की छह दशक से लंबी श्रंखला और उस पर तमाम गहन चिंतन-मनन के बाद भी दुनिया में मानवाधिकारों की,...
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