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एमपी: प्रदेश में किराना कारोबार बंद, नाश्ते के भी पड़े टोटे

भोपाल। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के विरोध में कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के आह्वान पर प्रदेश में किराना कारोबारी एक दिन का बंद रखें हैं। होटल, रेस्टोरेंट, निजी दूध डेयरी एवं खान-पान की अन्य छोटी-बड़ी दुकानें बंद हैं। बंद का व्यापक असर देखा जा रहा है। यूनियन के लोग घूम-घूम कर शेष खुली दुकानें भी बंद करा रहे हैं।   ये चीजें नहीं मिल रहीं   तेल, दाल, चावल, शक्कर, आटा मैदा, चायपत्ती, धनिया,...

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देश की सर्वश्रेष्ठ कोयला खदान में बड़ा खेल, सरकार को 1052 करोड़ की चपत

रायपुर.राज्य में खनिज विकास निगम द्वारा कोयला खनन के पट्टे जारी करने में अनियमितता बरतने के कारण 1052.2 करोड़ रुपए के राजस्व की हानि हुई। विधानसभा में मंगलवार को पेश नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक की 2010-11 रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।   छत्तीसगढ़ के महालेखाकार पीसी मांझी ने संवाददाताओं को बताया कि खनिज निगम ने भटगांव-2 कोल ब्लॉक को 552 रुपए प्रति मिट्रिक टन दर की रॉयल्टी पर आवंटित किया, जबकि समान क्वालिटी के...

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विकास दर में वृद्धि के बावजूद गरीबी बढना चिन्ता का विषय

पटना। बिहार के ग्रामीण कार्य मंत्री भीम सिंह ने आज कहा कि विशेषज्ञों के लिये यह गहन मंथन का विषय है कि विकास दर में वृद्धि के बावजूद देश में गरीबों की संख्या में वृद्धि क्यों हो रही है। श्री सिंह ने पत्र सूचना कार्यालय की ओर से यहां (ग्रामीण विकास से भारत का निर्माण) विषय पर आयोजित दो दिवसीय विचार गोष्ठी का उद्घाटन करते हुए कहा कि सकल घरेलू उत्पाद में...

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घूस देने में माहिर है भारतीय, दे डाली हजारों करोड़ की रिश्वत

नई दिल्ली. पिछले साल भारतीयों ने जमीन खरीदने-बेचने में लगभग 3,700 करोड़ रुपए (70 करोड़ डॉलर) की रिश्वत दी है। उन्हें मूलभूत सेवाएं पाने के लिए भी 50 से 950 रुपए तक घूस देनी पड़ी है। यह दावा संयुक्त राष्ट्र के खाद्य व कृषि संगठन (एफएओ) और दुनिया में भ्रष्टाचार पर निगाह रखने वाली संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के एक अध्ययन में किया गया है। इसके मुताबिक वर्ष 2011 में भारतीयों ने राशन...

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खेती की उपेक्षा और खाद्य सुरक्षा- भारत डोगरा

जनसत्ता 21 मार्च, 2012: लोकसभा में पिछले वर्ष प्रस्तुत किए गए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक से कोई सहमत हो या असहमत, पर इसके महत्त्च से इनकार नहीं किया जा सकता। मौजूदा रूप या इससे काफी मिलते-जुलते रूप में यह विधेयक पारित हो गया तो आने वाले अनेक वर्षों तक इसका हमारी खाद्य और कृषि व्यवस्था पर बहुत व्यापक असर पड़ेगा। इसलिए इस विधेयक से संबंधित जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे...

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