भारत में शिक्षा को एक रामबाण औषधि के रूप में हर मर्ज की दवा मान लिया गया और उसके विस्तार की कोशिश शुरू हो गई बिना यह जाने-बूझे कि इसके अनियंत्रित विस्तार के क्या परिणाम होंगे? सामाजिक परिवर्तन की मुहिम शुरू हुई और भारतीय समाज की प्रकृति को देशज दृष्टि से देखे बिना हस्तक्षेप शुरू हो गए। दुर्भाग्य से ये हस्तक्षेप अंग्रेजी उपनिवेश के विस्तार ही साबित हुए हैं। स्मरणीय...
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आरटीआई की जानकारी देने के लिए सरकार अब मांग रही परिचय पत्र
भोपाल। राज्य सरकार के विभाग अब सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत जानकारी न देने के नए-नए तरीके निकालने लगे हैं। अब राज्य का सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग जानकारी देने से पहले आरटीआई आवेदक से परिचय-पत्र अनिवार्य तौर पर मांग रहा है, जबकि कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। ऐसा एक मामला हाल ही में सामने आया है। भोपाल निवासी सुभाष गर्ग ने सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण संचालनालय...
More »एक साल बाद अब एपीएल वर्ग की महिलाएं भी विधवा पेंशन के दायरे में
भोपाल। पिछले एक साल से विधवा पेंशन योजना के दायरे को बढ़ाने की कवायद अब पूरी होती नजर आ रही है। विधवा पेंशन योजना से बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) के दायरे को समाप्त किया जा रहा है। बजट घोषणा से पहले सामाजिक न्याय विभाग इसका प्रस्ताव वित्त विभाग को भेज चुका है। इससे करीब दस लाख महिलाओं को सीधा फायदा होगा। सरकार को अब योजना क्रियान्वित करने में 360...
More »धरोहर से भी ज्यादा हैं नदियां -- वीरेंद्र कुमार पैन्यूली
राज्य अपने-अपने क्षेत्र में बहती नदियों को अपने स्वामित्व की सरकारी संपत्ति मानते रहे हैं। कई मामलों में राज्यों की जनता भी वैसी ही समझ रखती है। ऐसी संपत्ति जिसको वे तिजोरी में बंद कर सकते हैं और उसमें दूसरों की हिस्सेदारी वे ही तय करेंगे। बांधों और नहरों पर पहरे लगने और उनके लिए जंग होने की खबरें अब कोई नई बात नहीं हैं। कावेरी नदी के जल पर...
More »ऐसे तो नहीं बचेंगी बेटियां-- रीता सिंह
नीति आयोग का यह खुलासा चिंतित करने वाला है कि देश के इक्कीस बड़े राज्यों में से सत्रह राज्यों में जन्म के समय लिंगानुपात में गिरावट दर्ज हुई है। नीति आयोग ने अपनी ‘हेल्दी स्टेट्स एंड प्रोग्रेसिव इंडिया' रिपोर्ट में कहा है कि सबसे चिंताजनक हालत गुजरात की है जहां सबसे ज्यादा तिरपन अंकों की गिरावट दर्ज हुई है। जबकि हरियाणा में पैंतीस अंक, राजस्थान में बारह अंक, उत्तराखंड में...
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