भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने आपदा पीड़ित किसानों के लिए राहत राशि बढ़ाने के लिए राजस्व पुस्तक परिपत्र [आरबीसी] में संशोधन कर किसी किसान की मृत्यु पर मिलने वाली मदद को एक लाख से बढ़ाकर डेढ़ लाख रूपए करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को संपन्न मंत्रिमण्डल की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। यह भी तय किया गया है कि आरबीसी के...
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बढ़ती बेरोजगारी के बीच- गिरीश मिश्र
नौजवानों के लिए इससे बड़ी त्रासदी क्या हो सकती है कि जब वह शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार होकर उत्पादन के क्षेत्र में उतरने को तत्पर होता है, तब उससे कह दिया जाता है कि उसकी आवश्यकता नहीं है। ऐसे में उसका खुद पर गुस्सा लाजिमी है कि उसने अपने परिवार के संसाधनों का इस्तेमाल खुद को राष्ट्रीय उत्पादन में योगदान करने लायक बनाने के लिए व्यर्थ किया। मां-बाप...
More »मीडिया के नए मापदंड- पुण्य प्रसून वाजपेयी
अपराध जगत की खबर देने वाला एक पत्रकार मारा गया। मारे गए पत्रकार को अपराध जगत की बिसात पर प्यादा भी एक दूसरे पत्रकार ने बनाया। सरकारी गवाह एक तीसरा पत्रकार ही बना। यानी अपराध जगत से जुड़ी खबरें तलाशते पत्रकार कब अपराध जगत के लिए काम करने लगे, यह पत्रकारों को पता ही नहीं चला। या फिर पत्रकारीय होड़ ही कुछ ऐसी बन चुकी है कि पत्रकार अगर खबर बनते लोगों का...
More »सुधारों को नहीं मिली तेज धार ।।सुरजीत एस भल्ला।।
यूपीए सरकार की दूसरी पारी शुरू होने के कुछ महीने बाद ही लेहमैन ब्रदर्स और एआइजी जैसे बड़े नामों को ढहने के साथ ही वैश्विक आर्थिक मंदी की शुरुआत हो गयी थी. यूरोप की बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्थाएं और अमेरिका आर्थिक मंदी के भंवर से आज तक नहीं निकल पाये हैं, वहीं भारत मंदी के बाद भी आठ फ़ीसदी की विकास दर बरकरार रखने में कामयाब रहा था. यूपीए सरकार के भ्रष्टाचार के कहर...
More »प्रतिरोध की राजनीति- सुनील खिलनानी
अन्ना हजारे के आंदोलन के साथ ही हाल के दिनों में उभरे खनन विवाद, जमीन विवाद, परमाणु संयंत्र के खिलाफ माहौल या खाप पंचायत या गुर्जरों का क्षोभ जैसे दूसरे आंदोलन केवल सत्ता में स्थित खास पार्टी के खिलाफ चुनौती भर नहीं हैं, बल्कि वे हमारी सरकारों की शासन की क्षमता पर सवाल उठाने से भी ज्यादा गहरे हैं। वस्तुतः वे हमारे राजनीतिक क्षेत्र की भावना को समय-समय पर अस्थिर...
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