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अमेरिका ने हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम सिर्फ युद्ध खत्म करने के लिए नहीं गिराए थे

-सत्याग्रह, विश्व विजयी बनना हर ताकतवर देश के तानाशाह का सपना होता है. हिटलर ने भी यही सपना देखा था. एक सितंबर 1939 को पोलैंड पर अचानक हमला करके उसने इस सपने को पूरा करने की शुरुआत की तो यह एक तरह से द्वितीय विश्वयुद्ध की भी शुरुआत थी. सुदूर पूर्व में जापान का राजवंश भी इसी सपने को पूरा करने की लालसा में 1937 से एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपना विस्तार...

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अनुच्छेद 370 को उसी ढांचे में लाना राजनीतिक निर्णय से हो सकता, न्यायिक से नहीं: महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती

-आउटलुक, पिपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती कश्मीर से जुड़े मुद्दों को लेकर मुखर रही हैं। मां महबूबा मुफ्ती के ट्विटर अकाउंट का इस्तेमाल करते हुए इल्तिजा ने कश्मीर पर लिए गए फैसलों को लेकर कई बार भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना की है। आउटलुक के नसीर गनई के साथ बातचीत में इल्तिजा का कहना है कि उन्हें...

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मछलियों के विकास में बाधा पहुंचा रहा है महासागरों में बढ़ता कार्बन

-डाउन टू अर्थ, हम लोग वातावरण में बड़ी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) जारी करने के लिए जिम्मेदार हैं। उस कार्बन का अधिकांश भाग समुद्र द्वारा अवशोषित हो जाता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टिकट (यूकोन) के शोधकर्ताओं ने पाया है कि पानी में सीओ2 की अधिकता से मछलियों का आकार छोटा हो रहा है।  वाशिंगटन विश्वविद्यालय के शोधकर्ता क्रिस्टोफर मर्रे और मरीन साइंसेज के यूकोन एसोसिएट प्रोफेसर हेंस ब्यूमैन ने इस शोध को...

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अयोध्या में जन्मभूमि शिलान्यास के मायने भविष्य के भारत के लिए- नज़रिया

-बीबीसी, साल 1951 से ही इस बहस की शुरूआत हो गई थी, और अब यह बहस एक निर्णायक दौर में पहुँच गई है. गुजरात के सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण के बाद उसके उद्घाटन की तारीख़ रखी गई और भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को बुलावा भेजा गया, तो प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू चाहते थे कि 'धार्मिक मुद्दों को राष्ट्र के मुद्दों से अलग रखा जाए' और उन्होंने राजेंद्र प्रसाद को...

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क्यों अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के मामले में यूजीसी को ज़िद्दी नहीं ज़मीनी होने की जरूरत है

-सत्याग्रह, बीती छह जुलाई को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने स्नातक और परास्नातक के अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर नए दिशा निर्देश जारी किए. इन दिशा निर्देशों में कहा गया है कि देश के सभी विश्वविद्यालयों में 30 सितंबर 2020 तक अंतिम वर्ष या अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं करा ली जाएं. यूजीसी के इस आदेश का पूरे देश में विरोध हो रहा है. छात्रों और शिक्षाविदों के बाद दिल्ली, पश्चिम...

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