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पलायन से बदल सकता है उत्तराखंड का राजनीतिक भूगोल

-न्यूजलॉन्ड्री, हिमालयी राज्य उत्तराखंड के ग्रामीण पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाली 35 प्रतिशत आबादी वर्ष 2000 में उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से अब तक अपना पैतृक निवास छोड़ चुकी है. 20 सालों में पलायन की यह गति बेहद भयावह है. आंकड़े बताते हैं कि उत्तराखंड सुदूर पर्वतीय इलाकों से रोजाना औसतन 246 लोगों का पलायन हो रहा है. अगर इसी गति से पलायन जारी रहा तो उत्तराखंड का पूरा राजनीतिक...

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सीएए विरोधी आंदोलन की शुरुआत से अब तक दिल्ली एनसीआर में 32 पत्रकारों पर हमला

न्यूजलॉन्ड्री, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पास होने के बाद उसके खिलाफ शुरू हुए प्रदर्शन, उसके समर्थन में निकाली गई रैलियों और बीते दिनों दिल्ली में हुए दंगे के दौरान 32 ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें पत्रकारों के साथ मारपीट या उन्हें उनके काम करने से रोकने की कोशिश हुई है. यह खुलासा सोमवार को कमेटी अगेन्स्ट एसॉल्ट ऑन जर्नलिस्ट द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट से हुआ है. सीएए विरोधी आंदोलन की...

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किसान बढ़े तो अर्थव्यवस्‍था उबरे

-आउटलुक, “मंदी के दुश्चक्र से, देश की अर्थव्यवस्‍था किसान की हालत सुधरने से ही निकलेगी, लेकिन खेती-किसानी की आय में इजाफे के लिए सरकारी बैसाखी नाकाफी, किसानों की संगठित पहल जरूरी” हाल में आए देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के ताजा आंकड़ों के मुताबिक चालू साल की तीसरी तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर 4.7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है, जो सात साल में सबसे...

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झारखंड बजट : पहले चरण में किसानों के 50,000 रुपये तक के कर्ज होंगे माफ

-आउटलुक एग्रीकल्चर झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने सरकार कि बजट में किसानों की कर्ज माफी का ऐलान किया है। वर्ष 2020-21 के लिए कुल 86,370 करोड़ रुपये के इस बजट में पहले चरण में किसानों के 50,000 रुपये तक के कर्ज माफ करने के साथ ही बेरोजगार स्नातक तथा परास्नातक युवकों एवं युवतियों को दो साल तक क्रमशः पांच हजार और सात हजार रुपये वार्षिक सहायता देने की भी...

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मिर्जापुर के किसानों ने कहा- 'हमसे जमीन ले लेते, लेकिन हमारी खड़ी फसल क्‍यों बर्बाद की'

''हम साहब से कहने गए थे कि हमारी जमीन पर फसल लगी है, 20-25 दिन और रुक जाइए ताकि हम फसल काट सकें, लेकिन साहब ने हमारी नहीं सुनी। हमें लाठ‍ियों से मारा और गेहूं की खड़ी फसल पर जेसीबी चला दी। यह तो गलत है न! अब हम क्‍या खाएंगे?'' यह शब्‍द मिर्जापुर के जाधवपुर गांव के रहने वाले 71 साल के श्रीराम बिहारी के हैं। श्रीराम बिहारी मिर्जापुर...

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