नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि तलाक और करियर संबंधी समस्याओं जैसी वजहों से ज्यादा लोग आत्महत्या कर रहे हैं. एनसीआरबी का कहना है कि वर्ष 2011 में हर घंटे कम से कम 16 लोगों ने आत्महत्या की और ऐसा करने वाले लोगों की कुल संख्या 1.35 लाख थी. इससे जुड़ी ख़बरें रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से एक चौथाई मामलों में पारिवारिक...
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तलाक की वजह से आत्महत्या के मामले बढ़े
नयी दिल्ली : नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि तलाक और करियर संबंधी समस्याओं जैसी वजहों से ज्यादा लोग आत्महत्या कर रहे हैं. वर्ष 2011 में हर घंटे कम से कम 16 लोगों ने आत्महत्या की और ऐसा करने वाले लोगों की कुल संख्या 1.35 लाख थी. भारत की रिपोर्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से एक चौथाई मामलों में पारिवारिक समस्याएं आत्महत्या...
More »नक्सली नहीं आम आदिवासी मारे गए: ग्रामीण
छत्तीसगढ़ में पिछले हफ्ते सुरक्षा बलों के साथ कथित मुठभेड़ों में 19 लोगों के मारे जाने के मामले पर गंभीर विवाद उत्पन्न हो गया है. ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का दावा है कि 28 जून की रात को छत्तीसगढ़ में हुए कथित मुठभेड़ों में मारे गए ज्यादातर लोग आम आदिवासी थे माओवादी नहीं, जबकि राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह और सीआरपीएफ ने इन दावों को सिरे से खारिज किया है. इससे जुड़ी...
More »समस्याएं कम नहीं हैं और उनसे हार मानने वाले भी। देश में दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों और आत्महत्
समस्याएं कम नहीं हैं और उनसे हार मानने वाले भी। देश में दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों और आत्महत्याओं के 2011 के आंकड़ों की मानें, तो हर चार मिनट में एक व्यक्ति यहां अपनी जीवनलीला समाप्त कर लेता है और आत्महत्या करने वाले पांच लोगों में से एक गृहिणी होती है। सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार 2011 में इससे पिछले साल के मुकाबले 0.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 2010 में...
More »गर्भावस्था है किशोरियों में मौत का सबसे बड़ा कारण
एक नई रिपोर्ट के मुताबिक किशोरियों में मौत का सबसे बड़ा कारण कम उम्र में उनका गर्भ धारण करना होता है. सेव द चिल्ड्रिन नाम की संस्था की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रसव के दौरान संक्रमण या बीमारी के चलते 10 लाख किशोरियों की मौत हो जाती है या वे किसी न किसी रूप से जख्मी हो जाती हैं. इस समस्या का सबसे बड़ा कारण गर्भनिरोधकों तक पहुँच न...
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