SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 4110

भीमा कोरेगांव: अदालत ने डीयू प्रोफेसर हेनी बाबू को सात दिन की हिरासत में भेजा

-द वायर, भीमा कोरेगांव-एलगार परिषद मामले के सिलसिले में गिरफ्तार दिल्ली विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर हेनी बाबू को एक विशेष अदालत ने बुधवार को चार अगस्त तक एनआईए की हिरासत में भेज दिया. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बीते 28 जुलाई को 54 वर्षीय हेनी बाबू एमटी  को इस मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. वह दिल्ली विश्वविद्यालय में अंग्रेजी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं. उन्हें बुधवार को मुंबई में एक विशेष...

More »

दिल्ली दंगा: क्या दिल्ली पुलिस जांच को 'विशेष दिशा’ में ले जाना चाहती है?

-आउटलुक, चीन के विपरीत भारत की सफल सरकारें बहुत कुछ पाने में सफल रही हैं। 1984 के दिल्ली दंगों और गुजरात में 2002 की सामूहिक जनसंहार से लेकर समय-समय पर सांप्रदायिक हिंसा और जम्मू-कश्मीर में दमन जैसी घटनाएं हुई। फिर भी भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा कटघरे में खड़ा होने से बच गया क्योंकि इसे लोकतंत्र के रूप में देखा जाता है। इन सभी मामलों में यह माना गया कि कानून का शासन...

More »

आंकड़े बताते हैं, लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के लिए आयुष्मान भारत योजना ‘वरदान’ साबित नहींं हुई

-द प्रिंट, प्रधानमंत्री की जन आरोग्य योजना (पीएम-जय), प्रधानमंत्री मोदी की स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत के अंतर्गत आनेवाली की तीसरी फ्लैगशिप योजना है. जिसे यह बताया जा रहा है कि यह कोविड-19 के लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के लिए वरदान साबित हुई है. हालांकि, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, इस योजना का प्रबंधन करने वाली एजेंसी के आंकड़ों से पता चलता है कि इस योजना का प्रवासी मजदूर समूह को सरकार के...

More »

दिल्ली में “रोजगार बाजार”, प्रवासी मजदूरों से लौटने की अपील

-डाउन टू अर्थ, कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन के चलते बेरोजगार हुए युवाओं और कर्मचारियों की कमी झेल रहे उद्यमियों, दुकानदारों व कारोबारियों आदि को एक-दूसरे से मिलाने के लिए दिल्ली सरकार ने वेब पोर्टल jobs.delhi.gov.in लॉन्च किया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह वेब पोर्टल एक तरह से रोजगार बाजार है, जहां नौकरी लेने और नौकरी देने वालों का मिलाप होगा और लोगों को नौकरियां मिलेंगी। वेब पोर्टल...

More »

“सरकार को डब्ल्यूएचओ की चिंता है, जबकि उसकी वजह से हमारे घर गिरे”

-न्यूजलॉन्ड्री, “झुग्गी-झोपड़ी वालों को इंसान ही ना समझ रहे, बताओ हम कहां जांएगे...अब कहां है मोदी और केजरीवाल, जो झुग्गीवालों को पक्के मकान देने के वादे कर रहे थे. ये सब डब्ल्यूएचओ का करा-धरा है, और कोई भी इसके खिलाफ बोल ना रहा. हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. जब तक हमारी तरफ काम नहीं शुरू होगा इनका काम भी हम नहीं होने देंगे.” ये आरोप बुधवार को आईटीओ के पास अन्ना नगर...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close