SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 490

लोकपाल विधेयक-- 15 नहीं 16 अगस्त का इंतजार- पु्ण्य प्रसून वाजपेयी

जन लोकपाल अगर सरकारी लोकपाल नहीं हो सकता और सरकारी लोकपाल का मतलब अगर भ्रष्टाचार का लाइसेंस सरकार के ही पास रखनेवाला है, तो फ़िर अन्ना हजारे का आंदोलन भी अब महज भ्रष्टाचार के खिलाफ़ मुनादीवाला नहीं हो सकता. क्योंकि सिविल सोसाइटी के लिए जो मुद्दे भ्रष्टाचार के घेरे में आते हैं, सरकार के लिए वह संसदीय व्यवस्था का तंत्र है. शायद इसीलिए पहली बार लोकतंत्र के तीनों पाये चेक एंड बैलेंस...

More »

पटना पहुंची रहस्यमय बीमारी

पटना : मुजफ्फरपुर के बाद अब पीएमसीएच में भी रविवार को दो बच्चों की अज्ञात बीमारी से मौत हो गयी. मरनेवालों में परसा बाजार की खुशी कुमारी व गया की अमीरन खातून हैं. इसके अलावा नौबतपुर, पटना की कुमकुम कुमारी मौत से जूझ रही है. उसे लक्षणों के आधार पर इन्सेफ्लाइटिस से पीड़ित बताया जा रहा है. इन सभी की उम्र दो- से तीन वर्ष के भीतर है. पीएमसीएच में शिशु रोग...

More »

लोकपाल: गुस्‍साए अन्‍ना ने दी फिर अनशन की चेतावनी

नई दिल्‍ली. पीएम और न्‍यायपालिका को लोकपाल के दायरे में रखे जाने पर सिविल सोसायटी और सरकार के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। अन्‍ना हजारे ने आज कहा है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो उन्‍हें दोबारा अनशन करना पड़ेगा। इस पर दिग्विजय सिंह ने उन्‍हें संविधान का आदर करने की नसीहत दी है। अन्‍ना हजारे ने कहा कि वो सरकार के रवैये से बेहद निराश हैं। उन्‍होंने कहा, 'यदि...

More »

दिग्विजय बोले, पीएम भी हों लोकपाल के दायरे में

गुना. सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की मंशाओं पर सवाल खड़े करने वाले कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने अब प्रधानमंत्री और उच्च न्यायपालिका को लोकपाल के दायरे में लाने का समर्थन किया है। उन्होंने कहा,मेरे विचार से प्रधानमंत्री, उच्च न्यायपालिका, स्वैच्छिक संगठन और औद्योगिक घरानों को लोकपाल के दायरे में लाना चाहिए, लेकिन यह सुनिश्चित होना चाहिए कि लोकपाल अपनी ताकत का दुरुपयोग नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि जब वे मप्र के मुख्यमंत्री थे,...

More »

राजशक्ति बनाम बाबाशक्ति- योगेन्द्र यादव

बेताल ने विक्रमादित्य से पूछा,‘कल तक जो सरकार बाबा रामदेव के सामने बिछी जा रही थी, वही अचानक दल-बल सहित उनके आंदोलन पर चढ़ क्यों बैठी? अगर बाबा लोकशक्ति के प्रतीक हैं तो सरकार की हिम्मत कैसे हुई कि उनके अनशन को तोड़े? अगर बाबा झूठे हैं, तो सरकार उनसे इतनी डरी क्यों थी?’ इक्कीसवीं सदी के बेताल और विक्रमादित्य किसी पेड़ नहीं बल्कि एक बड़ी टीवी स्क्रीन के नीचे...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close