SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 489

बुद्धि की मंदी है : मुद्दों का न होना- पी साईनाथ

कम-से-कम दो प्रमुख अखबारों ने अपने डेस्कों को सूचित किया कि 'मंदी' (recession) शब्द भारत के संदर्भ में प्रयुक्त नहीं होगा। मंदी कुछ ऐसी चीज है, जो अमेरिका में घटती है, यहां नहीं. यह शब्द संपादकीय शब्दकोश से निर्वासित पडा रहा. यदि एक अधिक विनाशकारी स्थिति का संकेत देना हो तो 'डाउनटर्न' (गिरावट) या 'स्लोडाउन' (ठहराव) काफी होंगे और इन्हें थोडे विवेक से इस्तेमाल किया जाना है. लेकिन मंदी को नहीं. यह मीडिया के दर्शकों के...

More »

बिहार: खेतों में पंजाबी मेहनतकश!

करगहर [रोहतास, सुरेंद्र तिवारी]। अभी तक सूबे के लोग ही पंजाब जाकर खेतों में मेहनत करते थे लेकिन समय के साथ बदली फिजा का असर है कि आज पंजाबी मेहनतकश बिहार के खेतों में पसीना बहाते नजर आ रहे हैं। इन लोगों से सीख लेकर यहां के लोग भी सूबे की उपजाऊ मिट्टी में सुखद भविष्य की कल्पना कर सकते हैं। किसानी की बदौलत कुछ हद तक मजदूरों के पलायन की रफ्तार में...

More »

संसाधन होने के बाद भी राज्य का विकास नहीं

हजारीबाग  भारत में 1954 से मिट्टी सर्वेक्षण के लिए यूनिट कार्य कर रही है. यहां अनेकों वैज्ञानिक मिट्टी से संबंधित सर्वे करते हैं, लेकिन उसका परिणाम किसानों तक नहीं पहुंचता है. उक्त बातें अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय के शिक्षक डॉ अली मोहम्मद ने स्थानीय उपकार होटल में प्रेसवार्ता में कही. डॉ अली विनोबा भावे विश्वविद्यालय में व्याख्यान देने के लिए आये हुए हैं. डॉ राधाकृष्ण सेमिनार हॉल में 26 अप्रैल को...

More »

भुखमरी कैसे खत्म हो - सचिन कुमार जैन

भुखमरी आज के समाज की एक सच्चाई है परन्तु मध्यप्रदेश के सहरिया आदिवासियों के लिये यह सच्चाई एक मिथक से पैदा हुई, जिन्दगी का अंग बनी और आज भी उनके साथ-साथ चलती है भूख. अफसोस इस बात का है कि सरकार अब जी जान से कोशिश में लगी हुई है कि भूखों की संख्या कम हो. वास्तविकता में भले इसके लिये प्रयास न किये जायें लेकिन कागज में तो सरकार...

More »

सब ताज उछाले जाएंगे, सब तख्‍त गिराये जाएंगे- अरुंधति रॉय

दंतेवाड़ा को समझाने के कई तरीके हो सकते हैं। यह एक विरोधाभास है। भारत के हृदय में बसा हुआ राज्यों की सीमा पर एक शहर। यही युद्ध का केंद्र है। आज यह सिर के बल खड़ा है। भीतर से यह पूरी तरह उघड़ा पड़ा है। दंतेवाड़ा में पुलिस सादे कपड़े पहनती है और बागी पहनते हैं वर्दी। जेल अधीक्षक जेल में है, और कैदी आजाद (दो साल पहले शहर की पुरानी जेल से करीब 300...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close