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सर्व शिक्षा अभियान के 53 बैंक खाते बंद

रांची। सर्व शिक्षा अभियान के 526 करोड़ रुपये का अभी तक समायोजन नहीं हो सका है। राज्य परियोजना निदेशक नितिन मदन कुलकर्णी द्वारा मंगलवार को सर्व शिक्षा अभियान की समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई। ज्ञात हो कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के प्रारंभ में सर्व शिक्षा अभियान के 966 करोड़ रुपये का समायोजन नहीं हुआ था। इसे लेकर कुलकर्णी ने सभी जिलों को राशि का समायोजन का सख्त आदेश दिया था। यहां यह उल्लेखनीय है...

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प्राथमिक स्कूल में हों पांच स्थायी शिक्षक : यशवंत

गगरेट : हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ का राज्यस्तरीय 24वां वार्षिक अधिवेशन मंगलवार को गगरेट में हुआ। इसमें शिक्षकों व बेरोजगार प्रशिक्षित शिक्षकों की समस्याओं पर मंथन किया गया। महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष प्रो. यशवंत सिंह राणा ने कहा कि हड़ताली जेबीटी प्रशिक्षुओं, बाल सेविकाओं, प्रयोगशाला सहायकों और लाइब्रेरी सहायकों के बांड शीघ्र भरे जाने चाहिए। प्राथमिक शिक्षा के स्तर को सुदृढ़ करने के लिए हर प्राथमिक स्कूल में कम से कम पांच स्थायी शिक्षकों का प्रबंध किया...

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बच्चों के पोषाहार से पलते बिचौलियों के परिवार

पटना स्कूली बच्चों के पोषाहार से बिचौलियों का परिवार पल बढ़ रहा है। स्कूलों के लिए आवंटित पोषाहार का अनाज महीनों तक राज्य खाद्य निगम के गोदाम में पड़ा रहता है। यह स्थिति न केवल पटना बल्कि भोजपुर, रोहतास, कैमूर जिले सहित पूरे प्रमंडल की है। बीते अप्रैल महीने में पटना के चांदमारी रोड में करीब 15 सौ बोरे में पोषाहार का चावल जब्त किया गया। इस मामले में कंकड़बाग थाने में नामजद प्राथमिकी हुयी...

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स्वस्थ पर्यावरण के लिए धरहरा की परंपरा का अनुकरण करें : नीतीश

भागलपुर। जहां चारो तरफ अंधाधुंध पेड़ों की कटाई हो रही है, वहीं धरहरा गांव में सामुदायिक प्रयत्‍‌न से पेड़ लगाए जा रहे हैं। यह ऐसा गांव है जहां लोग कन्या पैदा होने पर खुशी मनाते हैं और उनके नाम पर दस फलदार पेड़ लगाते हैं। स्वस्थ पर्यावरण के लिए धरहरा की परंपरा का अनुकरण पूरे सूबे के लोगों को करना चाहिए। यह बातें रविवार को नवगछिया अनुमंडल के धरहरा गांव में आयोजित सभा को संबोधित...

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बढ़ती गरीबी का सबब-- देविंदर शर्मा

अर्थव्यवस्था के विकास में कुछ भयावह गड़बड़ी है. भारत आर्थिक उदारीकरण के 18 साल बाद बेहतर स्थिति में नजर आ रहा है, लेकिन ऊंचे विकास के बल पर गरीबी हटाने और भुखमरी मिटाने के वायदे पूरे नहीं हो पाए हैं. वास्तव में, गरीबी और विषमता घटने के बजाय और बढ़ गई है. आर्थिक विकास जितना बढ़ रहा है उतनी ही गरीबी भी बढ़ रही है. गरीब प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के...

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