जनसत्ता 1 मई, 2013: आजकल भूमि अधिग्रहण विधेयक की चर्चा जोरों से चल रही है। वन अधिनियम पहले ही पास कराया जा चुका है। ये दोनों ही कदम आदिवासियों के जीवन को प्रभावित करने वाले हैं। जयराम रमेश का मंत्रालय बार-बार बदला जाना एक विडंबना ही है। जब-जब उन्होंने अपने मंत्रालय से कोई जन-भावन कदम उठा कर हस्तक्षेप करना चाहा, उनका मंत्रालय ही बदल दिया गया! चाहे वह वन या...
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खाद्य सुरक्षा की चिंता होगी छू-मंतर
वैज्ञानिकों द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा के स्नेत खोजने का सिलसिला जारी है. इसी में एक है, धरती पर असीम मात्र में पायी जाने वाली लकड़ी का एक मुख्य तत्व सेल्युलोज. लेकिन इस दिशा में शोध करते हुए जीवविज्ञानियों को एक नयी चीज का पता चला है. शोधरत जीवविज्ञानियों का कहना है कि सेल्युलोज न सिर्फ नवीकरणीय ऊर्जा बल्कि विश्व में खाद्य सुरक्षा की चिंता को भी समाप्त करने में सहायक सिद्ध हो सकता...
More »सुधारों की दिशा और आम आदमी( पू्र्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के जन्मदिवस पर प्रभात खबर की विशेष प्र?
भारत में आर्थिक सुधारों को लागू किये जाने के 22 वर्ष बाद भी इस पर मंथन का दौर जारी है. पिछले दो दशकों के अनुभव हमें बता रहे हैं कि आर्थिक उदारीकरण के पैरोकारों ने जिस स्वर्णिम भविष्य का हमसे वादा किया था, वह सच्चाई से दूर, छल से भरा हुआ और भ्रामक था. इन वर्षों में आर्थिक उदारीकरण विकास के चमचमाते आंकड़ों पर सवार होकर हम तक जरूर आया,...
More »गुजरात मॉडल का सच- कुमार प्रशांत
जनसत्ता 16 अप्रैल, 2013:नरेंद्र मोदी बार-बार प्रशासन की उस शैली की बात कहते रहे जिसे वे गुजरात-मॉडल का नाम देते हैं। क्या है यह गुजरात मॉडल? वे तीसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं और इस लंबे दौर में एकदम निर्द्वंद्व सत्ता उनके हाथ में रही है। पहले दौर में उनकी प्रशासनिक शैली की एकमात्र उपलब्धि रही कि समाज के अल्पसंख्यकों और असहमत लोगों को डरा-धमका और मार डाल कर एकदम हाशिए...
More »गांवों को अधिकार बताने निकल पड़ी ‘तलाश’
गांव-पंचायतों में जागरूकता फैलाने का ‘तलाश’ का प्रयास रंग लाने लगा है. ग्राम पंचायत को खुद का निर्णय लेने व उन्हें अधिकार संपत्र बनाने के अभियान में जुटी यह एक वैचारिक संस्था है. बिहारशरीफ के बेलदार बिगहा गांव में इसके कार्यक्रम में भारी संख्या में पंचायत प्रतिनिधि एकजुट हुए. ‘तलाश’ का यह मानना है कि यह अभियान पूरे बिहार में एक क्रांति के रूप में सामने आयेगा, जब सूबे के हर गांव...
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