सीकर. सीकर जिले की आबादी हर साल दो लाख 67 हजार तो बढ़ रही है, लेकिन बढ़ती आबादी के बीच जिन बुनियादी सुविधाओं की जरूरत हैं, वो आज भी नहीं मिल पाई है। बात चाहे सड़क की हो, पेयजल निकासी की या फिर पार्किग व स्ट्रीटलाइट की। यह स्थिति हमें इसलिए भी सोचने पर मजबूर कर रही है कि हर जेब में मोबाइल, घरों में टीवी, फ्रिज और वाहन की सुविधा लगातार...
More »SEARCH RESULT
छह दिन से भोजन नहीं मिला सरकारी छात्रावास के बच्चों को
सरकार हर तबके के लिए भले ही कल्याणकारी योजनाएं बनाए, लेकिन अफसर उसे पलीता लगा देते हैं। ग्वालियर के चीनोर गांव में बने हरिजन छात्रावास के बच्चों को एक हफ्ते से भोजन नहीं मिला। पहले तो उन्होंने खुद ही भोजन बना लिया, लेकिन अब थक हार कर वे कलेक्टर के बंगले के बाहर जाकर बैठ गए, लेकिन उलटा उन्हें ही दोषी ठहराया जा रहा है। चीनोर के इस...
More »राजस्थान बजट 2011: रोटी-कपड़ा सस्ता, पर मकान बनाना महंगा
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री और वित्त मंत्रालय का काम देख रहे अशोक गहलोत ने बुधवार को जैसे ही पढ़ना शुरू किया तो इसके साथ ही यह तय हो गया कि इस बार बजट पिछड़ों, गरीब तबकों, अल्पसंख्यकों के लिए काफी कुछ लेकर आया है। हालांकि इन योजनाओं का असर प्रदेश पर कितना होगा, यह आंकड़ें और योजनाओं का आकार तय नहीं कर सकता। लेकिन ये तय है कि शिक्षा, पानी और ऊर्जा प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं...
More »किशोरियों के लिए सबला योजना
सोलन। किशोरियों के स्वास्थ्य की देखभाल और उन्हें स्वरोजगार के अवसर दिलाने के लिए प्रदेश में अब राजीव गांधी किशोरी सशक्तिकरण योजना (सबला) शुरू होने जा रही है। प्रयोग के तौर पर पहले प्रदेश के चार जिलों में यह योजना शुरू होगी। योजना समेकित बाल विकास सेवाएं विभाग की देखरेख में चलाई जाएगी। किशोरियों के कल्याण के लिए पहले से चल रही किशोरी शक्ति योजना को बंद कर दिया गया है। मुख्यमंत्री...
More »अब एक क्लिक पर उपलब्ध होगा पेंशन पात्रों का लेखा-जोखा- मोहन भारद्वाज
जींद भले ही प्रदेश के पिछड़े जिलों में शामिल हो। परंतु जिला समाज कल्याण विभाग ने अपने सभी पेंशन पात्रों के नाम ऑनलाइन कर प्रदेश में बाजी मार ली है। अब कोई भी व्यक्ति घर बैठे बगैर आरटीआइ का सहारा लिए किसी भी पेंशन पात्र का रिकार्ड खंगाल सकता है। इस प्रकार से जींद ने अपने करीब एक लाख 40 हजार पेंशन पात्रों का ऑनलाइन रिकॉर्ड और सूची उपलब्ध करा...
More »