सरकार ने एक बड़ा फैसला करते हुए बहुब्रांड खुदरा कारोबार में 51 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को गुरुवार को मंजूरी दे दी। इससे दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में वालमार्ट जैसी बड़ी कंपनियों के मेगा स्टोर खुलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस आशय का फैसला सहयोगी दल तणमूल कांग्रेस के विरोध के बावजूद...
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रीटेल में FDI की अनुमति अहम कदमः वालमार्ट
रोजमर्रा के सामान बेचने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी वालमार्ट ने खुदरा बहु-ब्रांड क्षेत्र में 51 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति के भारत के फैसले को महत्वपूर्ण कदम बताया है। कंपनी ने कहा है कि वह भारत में कारोबार करने की अपनी क्षमता का आकलन करने के लिये रिपोर्ट का विस्तार से अध्ययन करेगी। वालमार्ट ने कहा कि हम भारत सरकार के शुक्रगुजार हैं जिसने देश की अर्थव्यवस्था...
More »अन्न स्वराज- वंदना शिवा
भोजन का अधिकार जीने के अधिकार से जुड़ा हुआ है और संविधान का अनुच्छेद 21 सभी नागरिकों को जीने का अधिकार प्रदान करता है। इस लिहाज से प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा विधेयक स्वागतयोग्य है। पिछले दो दशकों में भारत में भूख एक बड़ी समस्या के रूप में उभरी है। 1991 में जब आर्थिक सुधार कार्यक्रम शुरू किए गए थे, तब प्रति व्यक्ति भोजन की खपत 178 किलोग्राम थी, जो 2003 में...
More »जमीन से जुड़े जरूरी सवाल : हर्ष मंदर
स्वतंत्रता के इतने सालों के बाद भी लाखों देशवासी और उनके संघर्ष हमारी नजरों से ओझल हैं। भूमि अधिग्रहण और विस्थापन के कारण लाखों लोगों ने अनगिनत कष्ट सहे, लेकिन उनकी तकलीफों की कहानी कभी भी पूरी तरह सामने नहीं आई। ‘विकास’ की कीमत किसानों और खेतिहर श्रमिकों की अनेक पीढ़ियों को चुकानी पड़ी है। उन्हें बलपूर्वक अपनी धरती से बेदखल करने का अर्थ है अपने सबसे निर्धन अन्न उत्पादकों को सताना, ताकि...
More »मुद्दा: गरीब की नई परिभाषा
गरीबी: सभ्य समाज के इस सबसे बड़े अभिशाप को राष्ट्रपिता गांधी जी ने हिंसा का सबसे खराब रूप कहा। करेला उस पर नीम चढ़ा कि स्थिति यह कि गरीबों को 'गरीब' न मानना। हमारे हुक्मरानों ने गरीबों की नई परिभाषा गढ़ी है। अगर आप शहर में रहकर 32 रुपये और गांव में रहकर 26 रुपये प्रतिदिन से अधिक खर्च कर रहे हैं तो आप गरीब नहीं है। खुद को गरीब मानते...
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