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आशा कार्यकर्ताओं को तीन हजार रूपये मानदेय देने की लोस में उठी मांग

नयी दिल्ली, 15 मार्च (एजेंसी) लोकसभा में आशा कार्यकर्ताओं की आर्थिक बदहाली का मामला उठा और सरकार से उन्हें प्रतिमाह कम से कम तीन हजार रूपये मानदेय दिये जाने की मांग की गई। जनता दल यूनाइटेड के जगदीश शर्मा ने शून्यकाल के दौरान यह मामला उठाते हुए कहा कि देश में लाखों आशा कार्यकर्ता बहाल हैं जो केन््रद सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में योगदान देती हैं। इनमें ज्यादातर...

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गरीबों के पैसों से आंदोलन!- तवलीन सिंह

प्रधानमंत्री ने अपने खास उदारवादी अंदाज में गैरसरकारी संस्थाओं (एनजीओ) को फटकार क्या लगाई कि हाय-दुहाई मच गई। वही संस्थाएं जो बेझिझक आरोप लगाती हैं राजनीतिकों पर, पत्रकारों पर, उद्योगपतियों पर और न जाने किस किस पर। जब उनकी बारी आई, तो हल्ला मचाना शुरू कर दिया। क्या सिर्फ एनजीओ ही हैं इस विशाल देश में, जो दूध के धुले हैं? क्या उनसे इतना भी नहीं पूछा जा सकता कि...

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आशा कार्यकर्ताओं को तीन हजार रूपये मानदेय देने की लोस में उठी मांग

नयी दिल्ली, 15 मार्च (एजेंसी) लोकसभा में आशा कार्यकर्ताओं की आर्थिक बदहाली का मामला उठा और सरकार से उन्हें प्रतिमाह कम से कम तीन हजार रूपये मानदेय दिये जाने की मांग की गई। जनता दल यूनाइटेड के जगदीश शर्मा ने शून्यकाल के दौरान यह मामला उठाते हुए कहा कि देश में लाखों आशा कार्यकर्ता बहाल हैं जो केन््रद सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में योगदान देती हैं। इनमें ज्यादातर...

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पोंटी के प्यार में यूपी सरकार- जयप्रकाश त्रिपाठी की रिपोर्ट

 शराब कारोबारी पोंटी चड्ढा की गाजियाबाद स्थित परियोजना वेव सिटी अपनी शुरुआत से ही नियम-कायदों की भयानक अनदेखी और किसानों के दमन का उदाहरण रही है.जयप्रकाश त्रिपाठी की रिपोर्ट बताती है कि किस तरह उत्तर प्रदेश में अलग-अलग समय पर रही सरकारों ने इस परियोजना के प्रति खास दरियादिली दिखाई किस्तों में कत्ल हुआ मेरा, कभी खंजर बदल गए, कभी कातिल बदल गए... कुछ ऐसी ही पीड़ा है गाजियाबाद से सटे नायफल...

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दलितों का दर्द- श्योराजसिंह बेचैन

उत्तर प्रदेश में दलित उत्पीड़न की घटनाएं चर्चा का विषय हैं। बहन मायावती के मुख्यमंत्री काल में इन घटनाओं का होना ज्यादा चिंताजनक है। राहुल गांधी का कहना है कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर दलित समस्या का समाधान हो जाएगा। सपा और भाजपा भी दलित समुदाय की बेहतरी के लिए अपनी-अपनी पार्टी का सत्ता में आना जरूरी बता रहे हैं। पर जनता क्या करे? इनमें से कौन-सी पार्टी...

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