हिसार. राजस्थान में सूखे के कारण पशु चारे की कमी को पूरा करने के लिए इन दिनों ट्रैक्टर ट्रालियों व अन्य चौपहिया वाहनों में धान की पराली भरकर राजस्थान ले जाया जा रहा है। इस दौरान यातायात नियमों की अनदेखी के कारण पराली वाले वाहनों के अलावा अन्य वाहन चालकों व यात्रियों का सफर भी खतरे से खाली नहीं है। इस साल मानसून की बारिश कम होने के कारण प्रदेश...
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नवंबर में भी चल रहे पंखे
हिसार. मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है। नवंबर माह शुरू होने के बाद भी घरों व दफ्तारों में पंखे चल रहे हैं। शहर में न्यूनतम तापमान सामान्य से चार-पांच डिग्री सेल्सियस अधिक चल रहा है। इस वक्त रात को व सुबह जितनी ठंड होनी चाहिए, ठंडक उससे काफी कम है। मंगलवार को भी मौसम में अचानक बदलाव आ गया और आसमान में बादल छा गए। लोगों को आशंका हो गई कि...
More »तिलहन उत्पादन 9 फीसदी घटने के आसार
देश में मौजूदा खरीफ सत्र के दौरान तिलहन उत्पादन करीब 9 फीसदी घटकर 136.50 लाख टन रहने की आशंका है। पिछले साल इस मौसम में 150.30 लाख टन तिलहन उत्पादन का अनुमान लगाया गया था। तेल तिलहन पर सेंट्रल आर्गेनाइजेशन आफ ऑयल इंडस्ट्री ऐंड ट्रेड (कोएट) के यहां हालिया राष्ट्रीय सम्मेलन में उद्योग विशेषज्ञों की एक समिति ने यह अनुमान जाहिर किया है। विशेषज्ञों के मुताबिक देश में मौजूदा खरीफ सत्र में...
More »गेहूं के समर्थन मूल्य की राह में महंगाई का रोड़ा
नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। पहले मानसून ने मारा, अब न्यूनतम समर्थन मूल्य [एमएसपी] के जरिए सरकार किसानों को मार रही है। धान पर मिले कम बोनस के बाद गेहूं पर भी बहुत ज्यादा एमएसपी की उम्मीद नहीं है। सरकार जल्दी ही इसके समर्थन मूल्य की घोषणा कर सकती है। पिछले रबी सीजन में गेहूं का एमएसपी 1080 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया था। आमतौर पर बुवाई शुरू होने...
More »विलुप्त हो रहे परंपरागत बीजों को बचाने की दरकार
हरित क्रांति की शुरुआत करने वाले नॉर्मन बोरलॉग को हाइब्रिड यानी संकर किस्म के बीज तैयार करने के लिए अक्सर याद किया जाता है लेकिन आज छोटे किसानों के कई ऐसे समूह हैं जो पारंपरिक बीजों की खोज कर रहे हैं। ऐसे बीजों की बुआई कुछ जगहों पर प्राथमिकता के आधार पर होती है और वहां हाइब्रिड बीज का इस्तेमाल नहीं होता है। दो साल पहले छत्तीसगढ़ में भारी बारिश हुई...
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