आईआईटी, दिल्ली के मेधावी छात्र रवि कोहाड़ ने गहन शोध के बाद एक सरल हिंदी में पुस्तक प्रकाशित की है, जिसका शीर्षक है बैंकों का मायाजाल। इस पुस्तक में बड़े रोचक और तार्किक तरीके से बताया गया है कि दुनिया भर में महंगाई, बेरोजगारी और हिंसा के लिए आधुनिक बैकिंग प्रणाली जिम्मेदार है। इन बैंकों का मायाजाल लगभग हर देश में फैला है, पर उसकी असली बागडोर अमेरिका के 13...
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30 साल के सबसे बड़े सूखे जैसे हालात, घट सकती है GDP की ग्रोथ रेट
नई दिल्ली। अल नीनो की वजह से कमजोर होते मानसून ने देश के कई इलाकों में सूखे जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। ऐसे में लगातार दूसरे साल फसलों के लिए मौसम प्रतिकूल हो गया है। इसका सीधा असर प्रोडक्शन से लेकर इकोनॉमी पर पड़ने की आशंका है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि करीब 30 साल बाद लगातार दूसरे साल सूखे जैसे हालात बन गए हैं। इकोनॉमिस्ट के अनुसार अगर स्थिति...
More »कृष्णा का गोदावरी से आज होगा मिलन- मिथिलेश झा
नदियों के तट पर सभ्यताएं तो विकसित होती ही हैं, किसी भी देश की अर्थव्यवस्था वहां की नदी और उसमें उपलब्ध के उचित प्रबंधन पर ही निर्भर होती है. खासकर भारत जैसे देश में जब मॉनसून दगा दे जाये, तो नदियों और नहरों का पानी ही किसानों का सहारा होता है. प्रकृति ने भारत को विशाल नदियों की नेमत बख्शी है. इसमें बड़ी से छोटी नदियां तक शामिल हैं. कई...
More »छत्तीसगढ़ और पड़ोसी राज्यों से चावल की सप्लाई बंद
रायपुर। सूखे की आहट के बीच छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में अनाज कारोबारियों ने सप्लाई बंद कर खुद ही चावल की खरीदी शुरू कर दी है। इसका कारण है कि अब चावल गोदामों से निकल नहीं रहा, किसान ने भी अपनी कोठी बंद कर रखी है। इसके कारण चावल बाजार ने महंगाई की राह पकड़ ली है। यहां के राइस मिलर्स और धान कारोबारी भी चिंतित हैं। छत्तीसगढ़ के...
More »मप्र में कपिल धारा के 90 प्रतिशत कुओं में भ्रष्टाचार का बारूद
पेटलावद से जितेंद्र यादव। पेटलावद हादसे में 89 निर्दोष लोगों की जान लेने वाले बारूद के पीछे भ्रष्टाचार की एक ऐसी कहानी भी छिपी है जिसके किरदार जिला और जनपद पंचायत के अफसरों से लेकर ग्राम पंचायत के सचिव और सरपंच तक हैं। इस कहानी में ब्लास्टिंग का धंधा करने वाले कांसवा सहित अन्य कारोबारियों का भी सीधा हाथ सामने आ रहा है। झाबुआ जिले में मनरेगा के तहत सरकार की...
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