पटना: रेडियोलॉजी में बिना प्रैक्टिकल किये ही इन दिनों मेडिकल के छात्र डॉक्टर बन जा रहे हैं. यह सब मेडिकल कॉलेजों की ओर से सुविधा नहीं मिलने की वजह से हो रहा है. दरअसल मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस छात्रों को अंतिम सत्र में मेडिसिन के पेपर में पढ़ाया जाता है कि मरीजों को किस बीमारी में कौन-सी जांच करानी है. बिहार के मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल छात्रों को प्रोफेसर साहब...
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जाति के आंकड़ों से डरने वाले- योगेन्द्र यादव
जाति का भूत देखते ही अच्छे-अच्छों की मति मारी जाती है। या तो लोग बिल्ली के सामने आंख मूंदे कबूतर की तरह हो जाते हैं, और यह खुशफहमी पालने लगते हैं कि जाति है ही नहीं। या फिर उनकी गति सावन के अंधे की तरह हो जाती है, और उन्हें हर बात में जाति ही जाति नजर आने लगती है। सरकार द्वारा सामाजिक-आर्थिक-जाति जनगणना के जाति संबंधी आंकड़े सार्वजनिक न करने...
More »जाति के आंकड़ों से कौन डरता है?- योगेन्द्र यादव
जाति का भूत देखते ही अच्छे-अच्छों की मति मारी जाती है. या तो लोग बिल्ली के सामने आंख मूंदे खड़े कबूतर की तरह हो जाते है, कड़वी सच्चाई का सामना करने के बजाय यह खुशफहमी पालने लगते हैं कि जाति है ही नहीं. या फिर उनकी गति सावन के अंधे की तरह हो जाती है. सावन के अंधे को हरा ही हरा सूझता है और इसी तर्ज पर कुछ लोगों...
More »आर्थिक तंगी से परेशान किसान ने खुद को लगाई आग, मौत
औरैया के अजीतमल थाना क्षेत्र के हैदरपुर गांव में फसल बर्बादी से क्षुब्ध किसान ने खुद पर मिट्टी का तेल उड़ेल आग लगा ली। किसान की मौके पर ही मौत हो गई। कुछ देर बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामाभर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। हैदरपुर गांव निवासी अवनेश कुमार दुबे (42 वर्ष) के पास तीन बीधे खेत है। उसने रबी सीजन में सात बीघा बलकट खेती करवाया था।...
More »आर्थिक प्रगति का दूसरा चेहरा- तस्लीमा नसरीन
वर्ष 1993 में बांग्लादेश में मेरे पास गारमेंट्स फैक्टरियों की कुछ लड़कियां आती थीं। वे अपने कामकाज से जुड़ी तमाम शिकायतें करती थीं-जैसे लड़कियों को रुपये-पैसे के मामले में ठगना, उन्हें कम वेतन देना, ऊंचे पदों पर महिलाओं की नियुक्ति न करना, मातृत्व अवकाश न देना, बीमारी में छुट्टी न देना, यौन दुर्व्यवहार करना, ओवरटाइम करने के लिए बाध्य करना, देर रात को फैक्टरी से घर जाने के लिए वाहन...
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