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40 दशक में औसत बारिश घटी, इसका क्षेत्रीय असंतुलन भी बढ़ा : सरकार

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने स्वीकार किया है कि भारत में पिछले चार दशक के दौरान न सिर्फ मौसमी बारिश की औसत मात्रा राष्ट्रीय स्तर पर घटी है बल्कि पिछले एक दशक में मानसून के क्षेत्रीय वितरण का असंतुलन भी बढ़ा है. मौसम विभाग की एक आंकलन रिपोर्ट के मुताबिक वर्षा चक्र में बदलाव का सीधा असर बारिश की अधिकता वाले पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश की कमी और कम...

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नोबेल, गरीबी और आंबेडकर -- श्योराज सिंह बेचैन

भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी, फ्रांस मूल की उनकी शोध छात्रा रही पत्नी एस्टर डफ्लो और अमेरिकी अर्थशास्त्री माइकल क्रेमर, तीनों को संयुक्त रूप से नोबेल सम्मान मिलने के बाद से खासकर भारत की गरीबी को लेकर बहस छिड़ गई है। वह इसलिए भी कि जिस देश का एक पांव तरक्की के चांद पर पहुंचने को आतुर हो, उसका दूसरा पांव गरीबी की दलदल में गहरे फंसा हो, तो उसके...

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NCRB की रिपोर्ट में फिर किसानों की आत्महत्या के आंकड़े नहीं, उठ रहे सवाल

"कृषि संकट, किसान की आत्महत्या से नापा जाता है। आत्महत्या नहीं तो ये मैसेज जाएगा कि खेती में समस्या नहीं। यही सरकार की रणनीति है। सरकार जानबूझ कर किसानों की आत्महत्या के आंकड़ों को जारी नहीं कर रही है, लेकिन आंखें बंद कर लेने से संकट खत्म नहीं हो जाता।" राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की ताजा रिपोर्ट में किसान आत्महत्या का जिक्र न होने पर कृषि विशेषज्ञ देविंदर शर्मा कहते...

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प्याज 70-80 रुपये किलो पहुंची, स्टॉक की सीमा पर विचार कर रही है सरकार

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी और देश के अन्य हिस्सों में प्याज का खुदरा भाव 70 से 80 रुपये प्रति किलो की ऊंचाई पर पहुंच चुका है. ऐसे में केंद्र सरकार प्याज व्यापारियों के भंडारण की सीमा तय करने पर विचार कर रही है. सूत्रों का कहना है कि प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में मानसून की भारी बारिश से आपूर्ति प्रभावित हुई है जिसकी वजह से इसकी कीमतों में उछाल आया है. उपभोक्ता...

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असम में कुछ नहीं हासिल हुआ तो देश भर में एनआरसी से क्या हासिल होगा?-- कृष्ण प्रताप सिंह

कोई भी समस्या हो और वह कितनी भी जटिल क्यों न हो, सरकारों से अपेक्षा की जाती है कि वे नागरिकों को उसके समाधान के प्रति आश्वस्त रखेंगी. वे ऐसा करती हैं तो इसका सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि बेवजह के अंदेशे नहीं फैलते. साथ ही उन्हें लेकर उद्वेलित तबकों में ऐसे विश्वास का संचार होता है जो उन्हें सच्चे झूठे भयों से पीड़ित होने से बचाता है....

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