भोपाल/इंदौर/ग्वालियर.प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में रोजाना 54 युवा मुंह न खुलने की बीमारी (ट्रिटमस) की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। उनकी यह हालत लगातार गुटखा खाने से हुई है। इनमें से 20 फीसदी को कैंसर पीड़ित घोषित कर दिया जाता है। बाकी 80 फीसदी में से अधिकतर लोग भी तंबाकू न छोड़ पाने के कारण कैंसर की चपेट में आ जाते हैं। ट्रिटमस पीड़ित लोगों में से दस फीसदी ही...
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112 स्लम बस्तियों पर मंडरा रहा खतरा
पटना : राजधानी में कई इलाके ऐसे हैं, जहां हमेशा मौत का साया (बिजली, आग व पानी के कारण) मंडराता रहता है. नगर निगम के सर्वे के अनुसार यहां करीब 112 स्लम बस्तियां हैं, जो आग, बिजली व पानी की दृष्टि से काफी अधिक खतरनाक हैं. इन इलाकों में करीब 15 हजार परिवार रहते हैं. आग की एक चिनगारी दर्जनों जिंदगियों व फूस से बने घरों को बरबाद कर सकती है....
More »एक लाख लोगों को दूषित पानी
शिमला. प्रदेश के करीब एक लाख लोगों को को आईपीएच विभाग ‘जहरीला’ पानी पिला रहा है। राजधानी शिमला में भी करीब ८ हजार लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग की 155 पेयजल स्कीमों में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट नहीं है। इन पेयजल स्कीमों से करीब 350 बस्तियों को पानी की सप्लाई की जाती है। राज्य की मौजूदा कैबिनेट में तीन-तीन मंत्री देने वाले मंडी जिले में सबसे...
More »जमीन में दबे 10 करोड़ के पाइप बने सोने की खान : बालमुकंद वैष्णव
सूरजपुरा. अजमेर जिले की प्यास बुझाने के लिए लगभग 50 वर्ष पूर्व बनी नेगड़िया जल वितरण योजना तो 2010 में बंद हो गई परंतु जमीन में दबे लगभग 10 करोड़ से ज्यादा की लागत के इस परियोजना के पाइप चोरों के लिए ‘सोने की खान’ साबित हो रहे हैं। खुले आम खुदाई करके चोर ट्रक भरकर ले जा रहे हैं मगर इन्हें रोकने का आज तक किसी अधिकारी ने प्रयास तक नहीं...
More »कृषि के विकास में आड़े आ रहा बैंक ऋण
बेतिया, प्रतिनिधि : जहां एक तरफ सरकार किसानों की तमाम सुविधाओं से परिपूर्ण कर उन्नत खेती करने के लिए लगातार कोशिश कर रही है, ताकि किसान बेहतर से बेहतर खेती कर अपनी आर्थिक उन्नति कर सकें। लेकिन बैंकों द्वारा किसानों को ऋण देने में नकारात्मक रवैया किसान ही नहीं सभी वर्ग के लोगों के लिए एक अलग समस्या पैदा कर रही है। वित्तीय वर्ष 2011-12 के पिछले 11 माह के...
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