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उत्तर प्रदेश और बिहार के पांच वर्ष से कम उम्र के मासूम बच्चों पर वायु प्रदूषण का खतरा सबसे अधिक

-डाउन टू अर्थ,  उत्तर प्रदेश और बिहार, महाराष्ट्र, राजस्थान जैसे बड़े और प्रति व्यक्ति कम आय वाले राज्य खतरनाक स्तर के पार्टिकुलेट मैटर वाले वायु प्रदूषण की चपेट में हैं। यह राज्य वायु प्रदूषण के कारण होने वाली समयपूर्व मौतों और रुग्णता के कारण जबरदस्त आर्थिक नुकसान भी उठा रहे हैं। यह बात इस तरफ भी इशारा कर रही है कि इन राज्यों में वायु प्रदूषण की बलि सबसे ज्यादा गर्भ...

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जो जनता आज उमर को आतंकवादी कह रही है, वो उसी के लिए काम करना चाहता था…

-द वायर, 23 दिसंबर को उमर खालिद की गिरफ़्तारी के 100 दिन पूरे हो गए. अपनी गिरफ़्तारी से 10 दिन पहले उमर ने मुझसे कहा था कि वो कुछ ऐसे युवाओं को एक साथ जोड़ना चाहता है जो सोशल मीडिया पर नफ़रत की राजनीति पर लगाम लगा सकें और जनता के ज़रूरी मुद्दों पर बात कर सकें. जो जनता आज उमर को आतंकवादी कह रही है, उमर उसी जनता के लिए काम करना...

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नए राज्य/दो दशक: तीन राज्यों की वृहत्त विकास यात्रा

-आउटलुक, “विकास के तर्क पर बने उत्तराखंड, झारखंड, छत्तीसगढ़ बने परिवर्तन के साक्षी” उत्तराखंड, झारखंड, छत्तीसगढ़ ये तीनों राज्य सन 2000 में एक साथ बने। इनके बनने के पीछे तर्क था कि ये तीनों ही राज्य क्रमशः उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्यों के हिस्से थे। जिसके कारण इन क्षेत्रों का विकास नहीं हो पा रहा था। इनके लिए राजधानियां हाइकोर्ट तथा अन्य राज्य स्तरीय कार्यालय काफी दूर थे।...

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संसद के शीतकालीन सत्र के रद्द होने से सरकार को मुश्किल सवालों से बच निकलने में मिली मदद

-न्यूजक्लिक, इस महीने की शुरुआत में नये संसद भवन का शिलान्यास करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जहां असहमति की अपनी जगह है, वहीं किसी तरह के भिन्नता के लिए कोई जगह नहीं है। इसके बाद उन्होंने गुरु नानक का उद्धरण देते हुए कहा कि जब तक दुनिया का वजूद है, तब तक बातचीत जारी रहनी चाहिए और यही लोकतंत्र की आत्मा थी। यह विडंबना ही है कि मोदी द्वारा...

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लॉकडाउन के बाद भी भुखमरी और सिकुड़ती आय के खतरे बरकरार!

11 राज्यों के 3,994 उत्तरदाताओं के बीच एक सर्वेक्षण के प्रारंभिक निष्कर्षों से पता चलता है कि अधिकांश कमजोर परिवारों और समुदायों, जैसे कि एससी, एसटी, ओबीसी, पीवीटीजी, झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वाले, दिहाड़ी मजदूर, किसान, एकल महिला परिवार, इत्यादि में लॉकडाउन से पहले उनकी आय के स्तर की तुलना में सितंबर-अक्टूबर के दौरान उनकी आय कम रही है. राइट टू फूड कैंपेन और सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज (टेलीफोनिक सर्वेक्षण के...

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