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कृषि सचिव के घर छापा

रायपुर. छतीसगढ़ के कृषि सचिव और आईएएस अधिकारी बीएल अग्रवाल के यहां आयकर विभाग ने गुरुवार को छापा मारा। अग्रवाल के फाफाडीह स्थित आलीशान निवास के अलावा रामसागरपारा स्थित उनके पिता, दो छोटे भाईयों और चाटर्ड एकाउंटेंट सुनील अग्रवाल भी निशाने पर रहे। छापे में करोड़ों रुपए की बेहिसाब संपत्ति मिलने का अनुमान है। छापे के दौरान काफी संख्या में दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जिनकी जांच की जा रही है। परिवार की जमीन के...

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निर्भर नहीं, आत्मनिर्भर !- मिहिर शाह

राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) क्रांतिकारी जनपक्षधर विकास कार्यक्रमों का वायदा करती है। ग्राम सभा और ग्राम पंचायतों द्वारा उसकी योजना, क्रियान्वयन और जांच-परख से हजारों स्थायी रोजगार पैदा हो सकते हैं। लेकिन नरेगा की लड़ाई बरसों से चले आ रहे एक बुरे अतीत के साथ है। पिछले साठ सालों से ग्रामीण विकास की योजनाएं राज्य की इच्छा और सदाशयता पर ही निर्भर रही हैं। श्रमिकों को दरकिनार करने वाली मशीनों और ठेकेदारों को काम...

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समेकित कृषि प्रणाली अपनाएं किसान

पटना सूबे की आबादी बढ़ रही है, पर जमीन का रकबा नहीं बढ़ाया जा सकता है। परिवार बंटने से जमीन की जोत घट रही है। ऐसी स्थिति में कम जमीन में अधिक पैदावार की तकनीक अपनाने की जरूरत है। इसके लिए एक एकड़ में एक परिवार के जीविकोपार्जन के लिए समेकित कृषि प्रणाली का तरीका निकाला गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को किसानों से भरे श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में आयोजित समारोह में ये...

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अमेरिका: हर सातवें घर में रही भूख की छाया

वाशिंगटन। मंदी से प्रभावित अमेरिका में पिछले वर्ष हर सातवें घर में हमेशा पर्याप्त भोजन उपलब्ध नहीं था, जो जीवन की मूल आवश्यकता है। सरकार द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार अमेरिकी कृषि विभाग ने कहा कि वर्ष 2008 में भूख दर 14.6 प्रतिशत रही। इसका अर्थ हुआ कि अमेरिका के करीब पांच करोड़ लोगों को साल के दौरान खाद्य असुरक्षा...

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किसानों की गरीबी घटाने में छोटी जोतें बड़ी बाधा

लखनऊ। सरकार का नजरिया कुछ भी हो पर कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि उत्तर प्रदेश में 91 फीसदी किसानों की जोतें इतनी छोटी हैं कि इनके बूते गरीबी उन्मूलन तो दूर की बात, उनके परिवारों का पेट भर पाना ही कठिन है। इस मजबूरी में कृषि विविधीकरण सहित तमाम कृषि सुधार योजनाओं का फोकस सिर्फ नौ फीसदी किसान हैं, जिनके बूते सरकार कभी उत्पादन दुगुना करने का सपना देखती...

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