महंगे ईलाज के इस युग में कुछ फरिश्ते अभी भी है, जो भगवान बनकर गरीबों के ईलाज के लिए तत्पर है। इनके लिए डॉक्टर की उपाधि भगवान का दिया एक तोहफा है जो जरूरतमंदों की भलाई करने के लिए है, ना कि सिर्फ और सिर्फ कमाई करने के लिए। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ऐसे ही चिकित्सकों में से एक है जिन्होनें अपने पेशे के साथ- साथ सामाजिक कर्तव्य को आज...
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'कैसा क़ानून कि पेट की अंतड़ियां ऐंठती रहें?'-- नीरज सिन्हा
निराशो देवी को बाल-बच्चे नहीं हैं, पति कुछ दिन पहले चल बसे, चूंकि राशन कार्ड नहीं इसलिए सरकारी अनाज उन्हें नहीं मिल सकता- स्थिति अब भूखों मरने की है. सालहन के बंधन नायक के परिवार का ‘पेट नदी-नालों से पकड़ी मछलियों को खाकर भरता है.' वो भी हर दिन हासिल नहीं हो पाता है. राजधानी रांची से महज़ 35 किलोमीटर दूर बसे सालहन में दर्जनों और झारखंड में हज़ारों ऐसे ग़रीब परिवार हैं...
More »बुंडू की पुष्पा के शोध की गूंज जापान तक
रांची : कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, बुंडू की छात्रा पुष्पा कुमारी ने पाेषणयुक्त सस्ते बेबी फूड बना कर देश ही नहीं पूरे विश्व में झारखंड का नाम राेशन किया है. पुष्पा द्वारा बनाये गये बेबी फूड बाल अमृत का चयन भारत सरकार के विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा किया गया है़ पुष्पा अब जापान में होनेवाली इंटरनेशनल साइंस कांग्रेस में देश का प्रतिनिधत्व करेगी़ भारत सरकार द्वारा पुष्पा के...
More »झारखंड बना उदय योजना में शामिल होनेवाला देश का पहला राज्य
नयी दिल्ली/रांची : उज्जवल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना (उदय योजना) को अपनानेवाला झारखंड देश का पहला राज्य बन गया है. केंद्रीय बिजली मंत्रालय, झारखंड सरकार और झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के बीच मंगलवार को नयी दिल्ली के होटल अशोका में एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ. एमओयू से राज्य बिजली वितरण निगम को फायदा होगा. उदय योजना के तहत राज्य सरकार बिजली बोर्ड के सार्वजनिक उपक्रम की सभी देनदारियां खुद देगा. 30.9.2015...
More »आदिवासियों की आवाज थे जयपाल सिंह मुंडा-- अनुज कुमार सिन्हा
तीन जनवरी यानी जयपाल सिंह मुंडा का जन्म दिन. उस नेता का, जिसने न सिर्फ झारखंड आंदोलन को पहली बार एक स्वरूप दिया, बल्कि संविधान-सभा में भी पूरे देश के आदिव़ासियों का प्रतिनिधित्व करते हुए उनके हक के लिए संविधान में व्यवस्था करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. एक अच्छे और प्रभावशाली वक्ता होने के साथ-साथ वे वक्त को पहचानते थे. संगठन बनाने की कला उनमें थी. 20 साल बाहर...
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