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छत्तीसगढ़- स्वास्थ्य बजट 22 सौ करोड़, लेकिन डॉक्टर्स के 1608 पद खाली

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ के स्वास्थ्य बजट में बीते 4 साल में 900 करोड़ का इजाफा हुआ है। अत्याधुनिक मशीनों, उपकरणों की लगातार खरीदी हो रही है। दवाओं से गोदाम भरे हैं। नए अस्पताल, मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं। लेकिन कमी है तो सिर्फ डॉक्टर्स (चिकित्सक) की, विशेषज्ञों (स्पेशलिस्ट) की। क्योंकि इनके बिना कोई इलाज मुमकिन नहीं। दूरस्थ क्षेत्रों में चिकित्सकीय सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। वहीं दूसरी तरफ के बड़े इलाज जिनमें...

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स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता: राष्ट्रपति

नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कहना है कि भारत जैसे विकासशील देश में स्वास्थ्य क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रभावी, सस्ती और सर्वत्र सुलभ स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के लिए देश में अभी बहुत ज्यादा काम करने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शनिवार को नेशनल इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ द कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के मिड-टर्म मीट 2015 के उद्घाटन सत्र को...

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मुख्यमंत्री की स्वास्थ्य सेवा सुधारने को बड़ी घोषणा, कांट्रैक्ट डॉक्टर होंगे स्थायी

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार भविष्य में कांट्रैक्ट पर डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं करेगी और फिलहाल कांट्रैक्ट पर कार्यरत सभी डॉक्टरों को नियमित किया जायेगा. उन्होंने डॉक्टरों के रिटायरमेंट की उम्र 65 से बढ़ा कर 70 वर्ष किये जाने के प्रस्ताव को भी अपना समर्थन दिया. वह गुरुवार को नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एनएमसीएच) के 45वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे. इस...

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किसने मारा उन 42 लोगों को? - सुधांशु रंजन

हाशिमपुरा मामले में जीवित बचे सभी 16 अभियुक्तों की निचली अदालत द्वारा हुई रिहाई ने भारत की न्याय व्यवस्था पर एक गंभीर सवाल खड़ा किया है। लगभग 28 वर्षों के इंतजार के बाद मृतकों के परिजनों को जोर का झटका लगा, जब संदेह का लाभ देते हुए अदालत ने अभियुक्तों को बरी कर दिया। घटना 22 मई 1987 की है, जब मेरठ के हाशिमपुरा से प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) के...

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सरकारी अस्‍पतालों में बिना जांचें बांट दी 25 करोड़ की दवाएं

भोपाल। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में 2008 से लेकर 2013 के बीच 25 करोड़ की दवाएं बिना जांच कराए ही बांट दी गईं। पिछले साल की मप्र महालेखाकर की ऑडिट रिपोर्ट में इसका खुलासा होने के बाद स्वास्थ्य संचालनालय ने तत्कालीन सीएमएचओ, सिविल सर्जन के साथ ही पहले से पदस्‍थ कुछ मौजूदा अधिकारियों को नोटिस थमाया है। इन अधिकारियों से 15 दिन के भीतर जवाब मांगा गया है। सिविल सर्जन...

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