नृत्त्वशास्त्र की अध्येता जॉन पी मेंशे से की गई यह भेटवार्ता फ्रंटलाइन से साभार ली गई है। प्रोफेसर जोन पी मेंशे नृत्तत्वशास्त्र की अध्येता हैं। उन्होंने बरसों तक सिटी यूनिवर्सिटी ऑव न्यूयार्क के ग्रेजुएट सेंटर और इसी यूनिवर्सिटी के लेहमान कॉलेज में अपने विषय का अध्यापन किया है। प्रोफेसर मोंशे सेकेंड चांस फाऊंडेशन नामक एक नॉट फॉर प्राफिट संस्था की अध्यक्ष भी हैं। यह संस्था भारत और संयुक्त राज्य...
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ई जनपद बनने के बाद मिलेगी राहत
उरई (जालौन)। जालौन को अभी ई जनपद की श्रेणी में नहीं रखा गया है। सरकार ने प्रयोग के तौर पर छह जनपदों को इस योजना में सम्मिलित किया है। यदि इसमें सफलता मिली तो आय व जाति प्रमाण पत्र बनवाने वालों को तहसील के चक्कर काटकर समय बर्बाद नहीं करना पड़ेगा साथ ही उन्हे दलालों, बिचौलियों की ठगी से भी निजात मिलेगी। फिलहाल तहसील में प्रमाण पत्र बनवाने को लेकर मारामारी मची रहती है। ...
More »डाक सेवक बना रहे हैं राष्ट्रीय सूचकांक
श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ के चुनिंदा गांवों में डाक कर्मचारियों ने अब खेतों और दुकानों से खाद्य और अखाद्य वस्तुओं के भाव एकत्रित करना आरंभ कर दिया है। पिछले तीन माह से क्रम लगातार जारी है। देश के अन्य हिस्सों की तरह यहां से भेजे जाने वाले आंकड़ों से केंद्र सरकार के राष्ट्रीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) की गणना की जाती है। केंद्र सरकार ने गांवों-कस्बों में उत्पादों के असल मूल्य जानने और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक तैयार...
More »शादी का मतलब पता नहीं, बन गई दुल्हनियां
बांका [प्रकाश वत्स]। सन् 1915 में पंडित चन्द्रधर शर्मा गुलेरी रचित कालजयी कहानी 'उसने कहा था' की परिछाया इस गांव में भी दिखती है। इस कहानी के बाल नायक का सवाल था तुम्हारी कुरमाई हो गयी, इस पर नायिका का जवाब था धत तेरी कि..। नायिका की तरह ही बांका जिले के बाराहाट प्रखंड स्थित महुआडीह गांव की विवाहित लड़कियों को शादी का सही मतलब तक मालूम नहीं है। सात साल की उम्र...
More »एक मादा एनोफिलिस मच्छर सब पर भारी
दुमका। दावा पर दावा.। पर एक मादा एनोफिलिस मच्छर छह फीट के खालिस जवान को मौत की नींद सुला रही है. या फिर खाट तक पहुंचा रही है। सरकारी आंकड़े में अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि ब्रेन मलेरिया से होने की है लेकिन यह आंकड़ा आधा दर्जन से ऊपर पहुंच चुका है। आतंक ऐसी कि इसके गिरफ्त में आने वालों की संख्या में रोज इजाफा हो रहा है। दरअसल स्वास्थ्य महकमा...
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