नई दिल्ली। सरकार ने अपने पहले अग्रिम अनुमान में 20 लाख गांठ (एक गांठ=170 किलो) कपास उत्पादन घटने की आशंका जताई है। वहीं हरियाणा और पंजाब में व्हाइटफ्लाई नामक कीड़े की वजह से 25 फीसदी फसल क्षतिग्रस्त होने का अनुमान है। इसके बावजूद ट्रेडर्स का मानना है कि कपास की कीमतों में तेजी नहीं आएगी। इसकी मुख्य वजह ग्लोबल स्तर पर ओवर सप्लाई, चीन से कमजोर मांग और यार्न की...
More »SEARCH RESULT
पावर सेक्टर की हालत खराब, 24 घंटे बिजली देने में ये हैं अड़चनें
नई दिल्ली। पावर सेक्टर की हालत दिनोंदिन खराब होती जा रही है, जबकि सरकार का वादा है कि वर्ष 2022 तक सभी को 24 घंटे बिजली दी जाएगी। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कमान संभाली है और बिजली कंपनियों और राज्य सरकारों से बातचीत शुरू की है। लेकिन अब तक की सरकार की कवायद को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि कई ऐसी अड़चनें हैं, जिसका समाधान...
More »30 साल के सबसे बड़े सूखे जैसे हालात, घट सकती है GDP की ग्रोथ रेट
नई दिल्ली। अल नीनो की वजह से कमजोर होते मानसून ने देश के कई इलाकों में सूखे जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। ऐसे में लगातार दूसरे साल फसलों के लिए मौसम प्रतिकूल हो गया है। इसका सीधा असर प्रोडक्शन से लेकर इकोनॉमी पर पड़ने की आशंका है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि करीब 30 साल बाद लगातार दूसरे साल सूखे जैसे हालात बन गए हैं। इकोनॉमिस्ट के अनुसार अगर स्थिति...
More »निरक्षर अब पंचायत के दरवाजे से बाहर-- सुभाष गताडे
भू टान, लीबिया, केन्या, नाईजीरिया और भारत इन देशों में क्या समानता है? वैसे, पहले उल्लेखित चारों देश- जहां जनतंत्र अभी ठीक से नहीं आ पाया है, कहीं राजशाही तो कहीं तानाशाही, तो कहीं जनतंत्र एवं अधिनायकवाद के बीच की यात्रा चलती रहती है- और दुनिया का सबसे बड़े लोकतंत्र कहलानेवाले भारत की किस आधार पर तुलना की जा सकती है? पिछले दिनों आये हरियाणा विधानसभा के एक फैसले...
More »115 साल में चौथे सबसे बड़े सूखे के हालात, भड़क सकती है महंगाई
नई दिल्ली। देश में लगातार दूसरे साल सूखे के हालात बन रहे हैं। ऐसा भारत के 115 साल के इतिहास में चौथी बार होने जा रहा है। इससे आम आदमी से लेकर सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 2014 के पूरे मानसून सीजन (जून-सितंबर) के दौरान देशभर में सामान्य के मुकाबले 88 फीसदी औसत बारिश हुई थी। वहीं, इस साल 1 जून से 4 सितंबर तक 645.7 मिलीमीटर औसत बारिश...
More »