तीन तीन तलाक की प्रथा मानवीयता, संविधान और इस्लाम तीनों के विरुद्ध है. देर-सवेर तीन तलाक को खारिज होना ही था, सो हो गया. लेकिन, मुझे इस फैसले से तीन बड़ी उम्मीदें थीं. एक, इससे तीन तलाक ही नहीं, देश में तमाम महिला विरोधी धार्मिक-सामाजिक कुरीतियों को अमान्य करने का रास्ता खुलेगा. दो, इस बहाने मुस्लिम समाज में सुधार होगा और मुस्लिम अपने कठमुल्ला नेतृत्व से मुक्त होंग. तीन, कानूनी...
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पुनर्वास में अहम भूमिका निभा रहीं आधुनिक संचार सेवाएं
दुनियाभर में अनेक कारणों से पिछले वर्ष लगभग 6.56 करोड़ लोगों को जबरन अपने घरों से विस्थापित होना पड़ा. दुर्भाग्यवश यह संख्या लगातार बढ़ रही है. वर्ष 2000 से 2016 के बीच दुनियाभर में करीब 3.5 अरब लोग प्राकृतिक आपदाओं और मानव जनित त्रासदियों की चपेट में आये थे. विस्थापितों की जिंदगी को दोबारा पटरी पर लाने और वांछित आपदाओं से कारगर तरीके से निपटने के लिए स्थायी समाधान खोजने...
More »लोकतंत्र और पूंजी के रिश्ते-- मृणाल पांडे
यह कोई राज नहीं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने चुनाव प्रचार के दिनों से ही अपने धुर दक्षिणपंथी विचारों और उग्र समर्थकों की भीड़ को लेकर विवादों से घिरे रहे हैं. उनकी बेलगाम बयानबाजी को लेकर देश के उदारवादी लोगों और खुद व्हाॅइट हाउस के स्टाफ की बेचैनी अब बढ़ती जा रही है. हाल में वर्जीनिया प्रांत के शारलौट्सविल शहर में (गुलामी प्रथा तथा नस्लवाद के पक्षधरों के प्रतीक)...
More »बिहारः बाढ़ से पहले गांव था सहरसा में, अब सुपौल में
वर्ष 2008 के बाद इस साल फिर कोसी नदी की बाढ़ ने भारी तबाही मचायी. उत्तर बिहार के सुपौल जिले में लाखों लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. इनमें सबसे मुश्किल जिंदगी है कोसी तटबंधों के बीच बसर करने वाले उन लोगों की, जिन्हें बाढ़ के समय ऊँची जगहों पर शरण लेनी पड़ती है और हर दूसरे-तीसरे साल नयी जगह बसना पड़ता है. ये लोग पानी उतरने का इंतजार करते हैं और...
More »अनुच्छेद 35 ए का दंश -- भीम सिंह
अनुच्छेद-35 ए जम्मू-कश्मीर में भारतीय नागरिकों पर एक दोमुंही तलवार है जिसे आज तक देश के बुद्धिजीवियों और राजनीतिकों के संज्ञान में नहीं लाया गया। यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के खिलाफ एक साजिश थी, जिसकी शुरुआत हुई 14 मई 1954 को, जब भारत के राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने एक अध्यादेश जारी करके अनुच्छेद-35 के साथ ‘ए' जोड़ दिया। भारतीय संविधान के अध्याय-3 में भारतीय नागरिकों को जो मानवाधिकार दिए...
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