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भारतीय सप्लाई की बदौलत वैश्विक खाद्य मंहगाई थमी

भारत से चावल और गेहूं जैसी खाद्य वस्तुओं का ज्यादा निर्यात होने से विश्व बाजार में महंगाई पर रोक लगाने में मदद मिल रही है। केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि विश्व बाजार में भारत खाद्यान्न निर्यात के मामले में बड़ा खिलाड़ी बनकर उभरा है। यहां 16वीं इंडियन कोऑपरेटिव कांग्रेस में पवार ने कहा कि दुनिया की 17 फीसदी आबादी की खाद्यान्न जरूरत पूरी करने के बाद भी...

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अमेरिका में जीएम गेहूं के खुलासे से एशिया में हड़कंप

गंभीर मसला - अमेरिका के ओरेगोन में उगाई जा रही है प्रतिबंधित जीएम किस्म खाद्यान्न पर संकट अमेरिका है दुनिया का सबसे बड़ा गेहूं सप्लायर एशियाई देश खरीदते हैं वैश्विक व्यापार का तिहाई गेहूं कई वर्षों पूर्व मोनसेंटो की विकसित किस्म को मंजूरी नहीं फिर भी ओरेगोन में इस जीएम किस्म की खेती हो रही यूएसडीए इस गेहूं की सप्लाई होने से किया इंकार विस्फोटक खुलासे के बाद जापान ने आयात रोका, फिलीपींस, चीन व दक्षिण...

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ऐसे तो 25 साल लगेंगे आमदनी दोगुनी होने में

नई दिल्ली [जयप्रकाश रंजन]। देश की आर्थिक विकास दर ही पिछले एक दशक के तलहटी पर नहीं पहुंची है, बल्कि इसके साथ आम जनता की कमाई पर भी गहरी चपत लगी है। सकल घरेलू उत्पाद [जीडीपी] की विकास दर के हिसाब से देखें तो वर्ष 2012-13 के दौरान प्रति व्यक्ति आय में महज तीन फीसद की वृद्धि हुई है। जबकि इसके पिछले वर्ष यह वृद्धि दर 4.7 फीसद थी। इस...

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मासूम गिरोहों की दिल्ली- प्रियंका दुबे

समाज व व्यवस्था की उदासीनता और वयस्क अपराधियों की सक्रियता की वजह से दिल्ली में बच्चों के कई आपराधिक गिरोह पनप रहे हैं. प्रियंका दुबे की रिपोर्ट. गर्मियों की एक दोपहर. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन. नई-दिल्ली-गुवाहाटी राजधानी एक्सप्रेस अपनी यात्रा पूरी कर चुकी है. यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर उतारने के बाद खाली हो चुकी ट्रेन धुलाई-सफाई के लिए रेलवे स्टेशन के पीछे बने यार्ड की तरफ बढ़ रही है. अचानक एक कोच...

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सुधारों की दिशा और आम आदमी( पू्र्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के जन्मदिवस पर प्रभात खबर की विशेष प्र?

भारत में आर्थिक सुधारों को लागू किये जाने के 22 वर्ष बाद भी इस पर मंथन का दौर जारी है. पिछले दो दशकों के अनुभव हमें बता रहे हैं कि आर्थिक उदारीकरण के पैरोकारों ने जिस स्वर्णिम भविष्य का हमसे वादा किया था, वह सच्चाई से दूर, छल से भरा हुआ और भ्रामक था. इन वर्षों में आर्थिक उदारीकरण विकास के चमचमाते आंकड़ों पर सवार होकर हम तक जरूर आया,...

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