दुनिया की सरकारों द्वारा पिघलते बर्फ की दास्तान जो भले ही मानवता के ‘सरवाइवल’ से जुड़ी है, नकार दी गयी है. शायद इसीलिए विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून 2014) का जो थीम है, वह आम नागरिकों को आगाह करने पर केंद्रित है. ‘रेज योर वॉइस, नॉट द सी-लेवल’ यानी हम आवाज उठायें, हम अपना आचरण बदलें, ताकि ग्लोबल वार्मिग कम हो और समुद्र का जलस्तर का बढ़ना बंद हो. मई 2014...
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जानिए.. पांच बड़े देशों में सड़क हादसों में होती हैं कितनी मौतें!
नई दिल्ली। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गोपीनाथ मुंडे की सड़क हादसे में हुई मौत ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। सड़क सुरक्षा और यातायात के नियमों को लेकर अब सिर्फ दिल्ली में ही नहीं बल्कि पूरे देश में एक बड़ी बहस छिड़ गई है। आंकड़ों पर नजर डालें तो सिर्फ दिल्ली में हर दिन पांच लोग सड़क हादसे से अपनी जान गंवाते हैं। जबकि...
More »बुरहानपुर जिले की पंचायत का फैसला, खुले में शौच पर 100 रु. जुर्माना
जिला मुख्यालय से 29 किमी दूर ग्राम पंचायत वारोली में खुले में शौच करने वालों के खिलाफ पंचायत ने जुर्माने का प्रावधान तय किया है। खुले में शौच करने वालों पर 100 स्र्पए जुर्माना लगाया जा रहा है। साथ ही स्वच्छता के नियम तोड़ने वालों के नाम सार्वजनिक कर इन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं देने का निर्णय लिया है। दो दिन पहले गांव के मुख्य मार्ग पर बोर्ड...
More »कठिन चुनौती होगी गंगा का उद्धार - अभिषेक कुमार सिंह
प्रधानमंत्री बनते ही नरेंद्र मोदी ने अपने वादे के अनुरूप जो शुरुआती काम किए हैं, उनमें से एक उल्लेखनीय काम उमा भारती को जल संसाधन और खासकर गंगा के पुनरुद्धार की जिम्मेदारी सौंपना रहा है। उमा इस चुनौती के लिए सर्वाधिक उपयुक्त कही जा सकती हैं, क्योंकि एक वही हैं, जिन्होंने यूपीए के शासनकाल में सोनिया गांधी से मिलकर गंगा को बचाने की पहल करने की अपील की थी। पर क्या गंगा...
More »नये मध्यवर्ग का चरित्र- पवन के वर्मा
भारत का युवा गणतंत्र संकट में है, और भारतीय मध्य-वर्ग इसमें मुखर प्रतिभागी और हाशिये पर खड़ा दर्शक बना हुआ है. इस द्वैध के कई कारण हैं. इतिहास में किसी वर्ग के लिए यह असामान्य नहीं रहा है कि वह अपने अंदर कहीं बड़ी संभावना रखता हो, लेकिन आम तौर पर उससे बेखबर हो तथा उस बड़ी भूमिका को निभाने के लिए उसकी उतनी तैयारी भी न हो. सामाजिक रूपांतरण की...
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