दिलचस्प है कि इस बार अर्थशास्त्र का नोबल पुरस्कार एक ऐसे शख्स को मिला है, जिसने भारत में गरीबी नापने के प्रचलित तरीकों पर भी सवाल उठाकर इसे सुधारने में अहम भूमिका अदा की है। प्रचलित तरीकों से लोगों द्वारा किए जा रहे उपभोग का सही अनुमान नहीं लग पाता था और वास्तविक गरीबी का चित्र नहीं उभर पाता था। अर्थव्यवस्था में राज्य हस्तक्षेप के समर्थक इस वर्ष के नोबल विजेता...
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गरीब की थाली से गायब होती दाल-- अश्विनी महाजन
अभी महंगे प्याज से त्रस्त जनता को आंशिक राहत मिलने लगी थी कि पिछले लगभग दो महीने से दाल, खासकर अरहर और मूंग की दालों के भाव आसमान छू रहे हैं। बाजार में अरहर की दाल 187-210 रुपये और उड़द की दाल 195 रुपये प्रति किलो बिक रही है। दालों के भाव पिछले कुछ वर्षों से ऊंचे बने हुए हैं और यह आम जन की पहुंच से बाहर होती जा...
More »दो से पांच दिन में बांट दी साढ़े छह सौ खदानें
मनीष गोधा, जयपुर। राजस्थान में जिन 653 खानों के आवंटन को लेकर हल्ला मचा हुआ है वे सिर्फ दो से पांच दिन में बांट दी गई थी और इस काम में केन्द्र व राज्य सरकार के दिशा निर्देशों को भी दरकिनार किया गया। खान आवंटन के लिए राज्य सरकार की ओर से गठित रिव्यू कमेटी ने अपनी रिपोर्ट इन बातों का उल्लेख किया है। राजस्थान सरकार ने इस रिपोर्ट के बाद...
More »कोरवा की दर्द की हकीकत, भुखमरी में गिरवी रखा राशन कार्ड
रायपुर/जशपुरनगर. भूख से तड़प कर पहाड़ी कोरवा लम्बू राम (60) की हुई मौत के मामले में एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। मृतक की मां विजनी बाई ने प्रशासन के समक्ष बदहाली की दास्तां सुनाते हुए खुलासा किया� कि हमने लम्बू के पिता झामक� के इलाज के लिए 2014 में एक हजार रुपए में चढ़भईया के एक सूदखोर के पास� राशन कार्ड गिरवी रख दिया था। तब हमारे�...
More »महिलाओं के लिए बने माहौल- मृणाल सुमन
रक्षा मंत्री फौज में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के पक्षधर हैं। लड़ाकू विमानों के पायलट के तौर पर सुझाव आए हैं और यह भी देखा जा रहा है कि महिलाएं युद्ध के मोर्चे पर कैसे जा सकती हैं। सरकार लैंगिक संवेदनशीलता को ध्यान में रख कर ऐसा कर रही है, लेकिन इससे पहले कुछ बातों पर गौर करना होगा। दुनिया भर की सेनाओं में महिलाओं को तमाम स्तरों पर सामाजिक, व्यावहारिक...
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