SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 10137

गरीबी के बारे में डीटन ने बढ़ाई है अर्थशास्त्र की समझ-- रीतिका खेड़ा

अपने पूरे कैरिअर में माप के मसले उनकी चिंताओं के केंद्र में रहे हैं। उनके अनुसार आंकड़ों को बिना सवाल किए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। उदाहरण के लिए इस सदी के शुरूआती वर्षों में उन्होंने भारत में मूल्य सूचकांक की गणना की समस्याएं रेखांकित करते हुए यह दिखाया था कि वह कैसे गरीबी संबंधी अनुमानों को प्रभावित करती है। भारत के संबंध में उनका एक और काम गौर फरमाने...

More »

लेखकों के विरोधी तेवर अच्छी बात - मृणाल पांडे

राजनीति और राजकाज पर दलगत राजनीति से बाहर कई अलग-अलग कार्यक्षेत्रों में भी गंभीरता से विचार किया जाता है। शासन उदार और संवेदनशील हो तो राजनीति के बाहर से आ रही प्रतिरोध की आवाज को सादर सुनकर राजनीति में संशोधन किए जाते हैं। पर यदि शासक आलोचना को राजद्रोह मानने पर उतारू हो जाए तो छुटभैये मुसाहबों द्वारा साहित्यिक, अकादमिक या स्वैच्छिक संगठनों से जुड़े आलोचकों को अपमानित करने से...

More »

रोज 3.33 प्रति किलो की दर से बढ़ रही तुअर दाल की कीमत

भोपाल. मुंबई, दिल्ली और लखनऊ के बाद गुरुवार को राजधानी में भी तुअर दाल का फुटकर दाम 200 रुपए के करीब पहुंच गया। थोक बाजार में ये दाम 197 रुपए प्रति किलो थे। बुधवार को 180 रुपए किलो तक बिकी दाल केवल एक दिन में 17 रुपए महंगी हो गई। पिछले 15 दिनों में दाल के दाम 50 रुपए प्रति किलो बढ़े हैं। यानी 3.33 रुपए रोज। अनुमान है कि...

More »

राजस्थान--कम पैदावार का असर जयपुर के बाजार पर भी, दालें 180 रुपए किलो तक

जयपुर। देश में दालों की कम पैदावार का असर राजस्थान पर छाने लगा है। जयपुर में दालों की कीमत 40 फीसदी तक बढ़ गई है। सब्जियों के दामों में तेजी के बीच दालों के बढ़े भावों ने लोगों की कमर तोड़कर रख दी है। हालांकि जयपुर के व्यापारियों का कहना है कि बीते दिनों से बढ़े भावों के बीच दालों की डिमांड कम हो गई है, ऐसे में अब और भाव...

More »

इनाम और ओहदे लौटाने से क्या होगा? - विष्‍णु खरे

1954-55 में जब भारत सरकार ने साहित्य अकादेमी की स्थापना की थी तब देश में कांग्रेस का शासन था। उसके संस्थापक-पितरों में जवाहरलाल नेहरू, सर्वपल्ली राधाकृष्णन, मौलाना अबुल कलाम आजाद और डॉ. जाकिर हुसैन जैसे राजनीतिक-सांस्कृतिक युगनिर्माता थे। बाद में कभी इंदिरा गांधी भी अकादेमी की सदस्य रहीं, जब वे केंद्रीय सूचना तथा प्रसारण मंत्री थीं। अकादेमी के संस्थापक-सचिव कृष्ण कृपालाणी थे, जो रबींद्रनाथ ठाकुर की एकमात्र संतान नंदिता के...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close