सरकार ने अध्यादेश के जरिए रिजर्व बैंक को फंसे हुए कर्ज की वसूली के लिए चूककर्ता कंपनियों के विरुद्ध दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने का अधिकार दे दिया है। इस अध्यादेश का उद््देश्य है फंसे हुए कर्ज के मौजूदा गतिरोध को खत्म करना। इस कानून के पारित होने के बाद केंद्रीय बैंक चूककर्ता कंपनियों के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू कर सकता है। साथ ही, फंसे हुए कर्ज की समस्या को निपटाने...
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जनसंख्या नियंत्रण को राह दिखाता असम-- जयप्रकाश पाडे
महात्मा गांधी ने जब कहा था, ‘धरती पर सबकी जरूरत भर का सामान है, मगर सबके लालच को पूरा करने भर का नहीं', तब उन्हें आभास भी नहीं रहा होगा कि आने वाले समय में उन्हीं का देश जनसंख्या बढ़ोतरी से संत्रस्त हो जाएगा। आज स्थिति यह है कि तमाम कल्याणकारी योजनाएं उस रूप में जरूरतमंदों और आम जन तक पहुंच ही नहीं पा रही हैं, जिस रूप में उन्हें...
More »गोरखालैंड की सियासत-- रशीद किदवई
दार्जीलिंग की सड़कों पर अंगरेजी और नेपाली में लगाये जा रहे हैं- 'वी वांट गोरखालैंड. गोरखालैंड-गोरखालैंड. गोरखालैंड चाहिन छ. चाहिन छ-चाहिन छ. हामरौ मांग गोरखालैंड.' इन्हीं नारों के बीच पश्चिम बंगाल इन दिनों गोरखालैंड की आग में जल रहा है. दरअसल, इस हिंसा और आगजनी के पीछे भाषाई राज्य की कल्पना है जिसने एक आंदोलन का रूप ले लिया है. पिछले सौ वर्षों से जारी गोरखालैंड की मांग को खुद...
More »कौशल विकास योजना के सबक-- संजय रोकड़े
आदर्श ग्राम योजना, मेक इन इंडिया, मुद्रा योजना की तरह कौशल विकास योजना को लेकर भी बड़ी-बड़ी बातें की गर्इं। लेकिन जब सरकार ने इस योजना की सच्चाई जानने के लिए धरातल पर एक आंतरिक सर्वे करवाया तो बहुत चिंताजनक स्थिति सामने आई। कौशल विकास योजना को संचालित करने वाले मंत्रालय की आंतरिक आॅडिट रिपोर्ट में इस बात का स्पष्ट रूप से जिक्र है कि सरकार द्वारा अनुदान-प्राप्त करीब सात...
More »आधार के तर्कों का किंतु-परंतु--- आर. सुकुमार
ऐसे समय में, जब आधार से संबद्ध तीन मामले उस संविधान पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए विचाराधीन हैं, जिसका अभी तक गठन ही नहीं हुआ, तब यह लाजिमी है कि हम आधार से जुड़े कुछ मूलभूत सवालों पर विचार करें। इस बात से इनकार करने का कोई आधार नहीं है कि इससे जुड़ी, खासतौर से निजता और सुरक्षा के बिंदु अहम हैं। कहने का आशय यह कि जरूरत...
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