सुप्रीम कोर्ट का संकट अभी तक समाप्त होता नहीं दिख रहा है। इस मामले में सभी तथ्यों को पूरी तौर पर जाने बिना किसी के लिए भी तटस्थता के साथ यह कहना कठिन है कि किसका पक्ष कितना सही है, क्योंकि चार वरिष्ठ न्यायाधीशों की ओर से प्रेस कांफ्रेंस करने और इस दौरान एक लंबी चिट्ठी जारी करने के बाद भी सारी बातें स्पष्ट नहीं हैं। ध्यान रहे कि यह...
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अपनों से ही शर्मसार होती मानवता-- राजेन्द्र प्रसाद शर्मा
आंकड़े भले ही दिल्ली के हों, पर कमोबेश यह तस्वीर सारी दुनिया की देखने को मिलेगी। राजधानी दिल्ली में 2017 की आपराधिक गतिविधियों की बाबत दिल्ली पुलिस द्वारा इसी माह जारी आंकड़ों में कहा गया है कि बलात्कार के सत्तानवे फीसद मामलों में महिलाएं अपनों की ही शिकार होती हैं। अपनों से मतलब साफ है कि या तो रिश्तेदार या जान-पहचान वाले या फिर दोस्त। इसका मतलब यही निकल के...
More »सियासी खेल थी हज सब्सिडी-- अख्तरुल वासे
भारत सरकार ने मुसलमानों को दी जानेवाली हज सब्सिडी खत्म कर दी है. यह एक अच्छा फैसला है और इसे बहुत पहले ही खत्म कर दिया जाना चाहिए था. मुसलमानों में इस बात को लेकर कभी कोई गतिरोध या मतविरोध नहीं रहा है कि सब्सिडी नहीं खत्म की जाये. हम तो एक अरसे से इस बात की मांग करते रहे हैं कि हज के लिए किसी सब्सिडी जैसे सरकारी एहसान...
More »गरीबी नहीं गैरबराबरी है चुनौती-- मृणाल पांडे
एक जमाना था, जब कक्षा से चुनावी भाषणों तक में ‘अहा ग्राम्य जीवन भी क्या है?' जैसे जुमले सुनने को मिलते थे. भला हो राग दरबारी के लेखक श्रीलाल शुक्ल का, जिन्होंने इस उपन्यास के मार्फत आजादी के बाद हमारे बदहाल गांवों की असलियत दिखाकर इस पाखंड पर ऐसी चोट की कि पढ़ने-लिखनेवाले लोग इस भावुक और निरर्थक मुहावरे से बचने लगे. फिर ‘90 के दशक में आर्थिक उदारीकरण...
More »ईमानदार हो पुलिस-प्रशासन-- जगमती सांगवान
देश में आये दिन जघन्य आपराधिक घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं. हरियाणा में घटी हालिया तीन घटनाएं इसकी सबूत हैं. हरियाणा के जींद में एक दलित लड़की की रेप के बाद बुरी तरह से हत्या कर दी गयी. एक दूसरी खबर है कि पानीपत में हत्या के बाद दलित लड़की की लाश के साथ रेप हुआ. वहीं फरीदाबाद में एक लड़की का पहले अपहरण किया गया, फिर चलती...
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