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भू-जल स्रोतों के पुन: आकलन के लिए राज्यस्तरीय समिति गठित

जागरण ब्यूरो, शिमला : वर्ष 2008-09 में भू-जल स्रोतों के पुन: आकलन के लिए राज्यस्तरीय समिति का गठन किया गया है। प्रधान सचिव, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य इस समिति के अध्यक्ष होंगे। सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ, निदेशक शहरी विकास, निदेशक कृषि, समस्त मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता हाइड्रोलॉजी, अधीक्षण अभियंता जलापूर्ति एवं मल निकासी, अधीक्षण अभियंता प्लानिंग एवं डिजाइन, हिमाचल प्रदेश जल प्रबंधन बोर्ड के नामित सदस्य तथा नाबार्ड के महाप्रबंधक इस समिति के सदस्य...

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हर पंचायत समिति होगी हाईटेक

राजस्थान की हर पंचायत समिति मुख्यालय को आईटी केंद्र बनाकर हाईटेक किया जाएगा। इनमें राजीव गांधी सेवा केंद्र स्थापित होंगे। राज्य सरकार इनके लिए दस करोड़ रुपए खर्च करेंगी। पंचायत समिति में बनने वाले एक केंद्र की लागत 26 लाख रुपये आएगी। जिसमें छह लाख रुपये पांच वर्षो के लिए फैसिलिटी मैनेजमेंट सर्विस की लागत भी शामिल है। इस योजना की वर्तमान कुल लागत 6162 लाख रुपये है, जिसमें से 1245 लाख रुपये पिछड़ा क्षेत्र...

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नहीं बसा कलाम के सपनों का गांव

पटना ग्रामीण क्षेत्र में शहरी सुविधा प्रदान करने की जिस 'पूरा' योजना (प्रोविजन आफ अर्बन फैसलिटी इन रूरल एरिया) की परिकल्पना राष्ट्रपति एपीजे अबुल कलाम ने की थी, वह सात साल बाद भी अधूरी है। इस योजना के क्लस्टर के रूप में केंद्र सरकार ने मोतीपुर का चयन किया था। यहां फल-सब्जी के लिए कोल्ड स्टोरेज बनाने, गांव में विद्युत आपूर्ति करने के साथ ही वे सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना बनी थी, जो शहरी...

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स्कूलों को प्यास-अंधेरे ने जकड़ा

देहरादून। सूबे के प्राइमरी से लेकर माध्यमिक के सैकड़ों स्कूलों को 'प्यास और अंधेरा' जकड़े हुए है। हजारों छात्र-छात्राओं पर गरमी ही नहीं, हर मौसम भारी गुजरता है। 12 हजार स्कूलों में बिजली का उजाला नहीं तो 1800 स्कूल प्यासे हैं। स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं के आंकड़े गवाही दे रहे हैं कि नौनिहालों के बहुमुखी विकास से सूबे की शिक्षा करीबी रिश्ता कायम करना तो दूर, कोसों दूर नजर आ रही है। प्राइमरी से...

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दलित व ब्राह्मण में भेद नहीं करती बीपीएल सूची

पटना पटना जिले की पारिवारिक सर्वेक्षण सूची 'हड़बड़ी में ब्याह कनपटी में सिंदूर' का प्रमाण बन गयी है। ऐसा लगता है कि नगर निगम क्षेत्र में बीपीएल सूची बनाने में जातीय भेदभाव को समाप्त कर दिया गया है। बीपीएल सूची बनाने वालों ने तो यहां दलित-ब्राह्माण, यादव और वैश्य में कोई अंतर ही नहीं छोड़ा। हद तो यह है कि महिलाएं भी कई जगहों पर बाप बना दी गयी हैं। पटना नगर निगम की बीपीएल...

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