नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। देश में किसी को भूखा न सोने देने की महत्वाकांक्षी खाद्य सुरक्षा योजना को अमली जामा पहनाने में अभी थोड़ा वक्त और लगेगा। सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद [एनएसी] संबंधित विधेयक का मसौदा बनाने में लगी है, लेकिन उसे अंतिम रूप सी. रंगराजन कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही दिया जा सकेगा। एनएसी में खाद्य सुरक्षा विधेयक तैयार रहा कार्यसमूह 9, 10, 11 दिसंबर को...
More »SEARCH RESULT
भुखमरी में हम आगे, पर मुफ्त अनाज नहीं बांटेगी सरकार
नई दिल्ली. भुखमरी के कारण हमारे देश में पाकिस्तान, नेपाल और श्रीलंका से ज्यादा मौतें होती हैं। फिर भी सरकार के पास मुफ्त खाद्यान्न बांटने का कोई प्रस्ताव नहीं है। कृषि, उपभोक्ता मामलों और सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री प्रो. केवी थॉमस ने लोकसभा में एक लिखित सवाल के जवाब इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट का जिक्र किया। अक्टूबर 2010 में जारी रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल हंगर सूचकांक में भारत के 24.1 अंक हैं। इस...
More »ग्रामीणों की चौखट पर सरकार
जयपुर. राज्य की सत्ता संभालने के करीब दो साल बाद सरकार ने अब गांवों की ओर रुख किया है। बुधवार से सरकार ने ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर प्रशासन गांव के संग अभियान शुरू किया है। जयपुर में जिले में पहला शिविर शाहपुरा तहसील के बिलान्दरपुर गांव में लगाया गया है। प्रदेश की 9000 से ज्यादा ग्राम पंचायतों में लगने वाले इन शिविरों में 18 विभाग लोगों की रोजमर्रा की समस्याओं का मौके...
More »कहीं खटाई में पड़ न जाए महामाया योजना
कानपुर। मुख्यामंत्री मायावती द्वारा प्रदेश के गरीबों के लिए महामाया गरीब आर्थिक योजना चालू की गयी है। जिसके तहत समाज के नीचे तबके के लोगों को आर्थिक मदद देने का प्रवधान है। योजना का लाभ पहुंचाने के लिए जिले के 60 हजार सही पात्रों का चयन किया गया था। लेकिन दो माह गुजर जाने के बाद अभी तक सिर्फ 15 हजार पात्रों के ही सात्यापित आवेदन फार्म जमा हो पाए है।...
More »घर में अनाज नहीं था मर गया बीमार गुरुचरण
पूरा राज्य सूखाग्रस्त घोषित हो चुका है. लोगों को राहत देने की कवायद भी शुरू की जा चुकी है. सरकार दावा करती है, किसी को भूख से मरने नहीं दिया जायेगा. हर हाथ को काम, हर पेट को अनाज मिलेगा. पर यहां तो अनाज गोदामों में रखे-रखे ही सड़ जा रहे हैं. गरीब, बेबस लोगों तक नहीं पहुंच पा रहे. लोग भूखों मरने पर विवश हैं. पिछले दिनों सिल्ली के...
More »