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ममता ने प्रधानमंत्री से उर्वरक पर सब्सिडी बढ़ाने, कृषि कर्ज माफ करने का आग्रह किया

कोलकाता, 9 फरवरी (एजेंसी) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर उर्वरक पर सब्सिडी बढ़ाने और राज्य के किसानों का कर्ज माफ करने का आग्रह किया। ममता ने संवाददताओं को बताया, ‘‘मैं लंबे वक्त से प्रधानमंत्री को ऐसे पत्र लिखती रही हूं। मैंने फिर उन्हें पत्र लिखा है।’’ उन्होंने कहा कि पूर्व की वाम मोर्चा सरकार के वक्त से ही ऐसी मांग की जा रही...

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खेत के साथ आंख भी नम, जमीन होते हुए भी रोटी के लिए मोहताज

सेम की समस्या सिर्फ चुनावों के समय ही म़ुद्दा बनती है। बाद में इनसे प्रभावित लोगों को कोई नहीं पूछता। सेम से सीएम प्रकाश सिंह बादल का गृह जिला मुक्तसर सबसे ज्यादा प्रभावित है। फरीदकोट और फिरोजपुर जिलों के कुछ गांव भी चपेट में हैं। कुछ साल पहले तक जमींदार कहलाए जाने वाले किसान आज जमीन होते हुए भी रोटी के लिए मोहताज हैं।     मुक्तसर जिले के तहत थेहड़ी गांव निवासी परमजीत...

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किसानों के कब्जे से आवाजाही ठप, ब्यास पुल पर दूसरे दिन भी डटे रहे

अमृतसर/ब्यास. ब्यास पुल पर किसानों के धरने के कारण पैदा हुई जाम की स्थिति से आमजन खासा परेशान है। जाम के कारण अमृतसर सड़क मार्ग से पूरी तरह कट गया है। 70 प्रतिशत बसें अपने मुकाम पर नहीं पहुंच सकीं। बसों व निजी वाहनों से अमृतसर से जालंधर के रास्ते होकर दिल्ली या चंडीगढ़ जाने वालों को खासी परेशानी झेलनी पड़ी। कुछ यात्री तो बीच रास्ते ही बसों में उतर...

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अन्न स्वराज- वंदना शिवा

भोजन का अधिकार जीने के अधिकार से जुड़ा हुआ है और संविधान का अनुच्छेद 21 सभी नागरिकों को जीने का अधिकार प्रदान करता है। इस लिहाज से प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा विधेयक स्वागतयोग्य है। पिछले दो दशकों में भारत में भूख एक बड़ी समस्या के रूप में उभरी है। 1991 में जब आर्थिक सुधार कार्यक्रम शुरू किए गए थे, तब प्रति व्यक्ति भोजन की खपत 178 किलोग्राम थी, जो 2003 में...

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महंगाई के पीछे गलत नीतियां- सी पी राय

समूचा देश आज महंगाई की समस्या से परेशान है। लेकिन सारी महंगाई अंतरराष्ट्रीय कारणों से नहीं है, जैसा कि सरकारी पक्ष बताता आ रहा है। साफ है कि 120 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाला यह देश सेंसेक्स और कुछेक लोगों को समृद्ध करने वाली नीतियों से नहीं चल सकता। कुछ तो है, जिसे हमारे तथाकथित अर्थशास्त्री नहीं समझ पा रहे हैं या नहीं समझने का नाटक कर रहे हैं या...

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