SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 506

34540 शिक्षक होंगे नियुक्त

पटना। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में राज्य सरकार 34540 सहायक शिक्षकों को अगस्त के अंत तक नियुक्त कर लेगी। मंगलवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में इसके लिए 'बिहार विशेष प्रारंभिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2010 को मंजूरी दी गयी। सरकार ने विधानमंडल के पूर्व सदस्यों पर भी मेहरबानी दिखाई है। अब वे एक सहयोगी के साथ साल में 75 हजार रुपये तक के यात्रा कूपन का इस्तेमाल कर सकेंगे। बैठक में नगरपालिका अविश्वास...

More »

डेढ़ साल से आयोगों में अध्यक्ष नहीं

रायपुर. राज्य सरकार के आयोग डेढ़ साल से अध्यक्ष विहीन पड़े हुए हैं। इसके कारण आयोग कोई नीतिगत फैसले नहीं ले पा रहे हैं। पिछड़ा आयोग में तो अध्यक्ष के अभाव में नौ जातियों को पिछड़ा वर्ग में शामिल करने की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। वहीं आयोगों मंे दर्ज होने वाले मामलों की सुनवाई भी प्रभावित हो रही है। विधानसभा चुनाव होने के बाद से आदिम जाति आयोग, अनुसूचित जाति जन जाति आयोग...

More »

भुखमरी कैसे खत्म हो - सचिन कुमार जैन

भुखमरी आज के समाज की एक सच्चाई है परन्तु मध्यप्रदेश के सहरिया आदिवासियों के लिये यह सच्चाई एक मिथक से पैदा हुई, जिन्दगी का अंग बनी और आज भी उनके साथ-साथ चलती है भूख. अफसोस इस बात का है कि सरकार अब जी जान से कोशिश में लगी हुई है कि भूखों की संख्या कम हो. वास्तविकता में भले इसके लिये प्रयास न किये जायें लेकिन कागज में तो सरकार...

More »

एनटीएडीसीएल सूचना-अधिकार के दायरे में : मद्रास उच्च न्यायालय

हाल ही में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप परियोजना से संबंधित एक महत्वपूर्ण फैसले में मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा न्यू तिरुपुर एरिया डिवेलपमट कार्पोरेशन लिमिटेड, (एनटीएडीसीएल) की याचिका खारिज कर दी गई है। कंपनी ने यह याचिका तमिलनाडु राज्य सूचना आयोग के उस आदेश के खिलाफ दायर की थी जिसमें आयोग ने कंपनी को मंथन अध्ययन केन्द्र द्वारा मांगी गई जानकारी उपलब्ध करवाने का आदेश दिया था। एक हजार करोड़ की लागत वाली एनटीएडीसीएल देश की पहली ऐसी जलप्रदाय परियोजना...

More »

आदिवासी अधिकारों का व्यापक उल्लंघन हो रहा है- जनसुनवाई का फैसला

“कहा जाता है कि हम लोग दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं क्योंकि देश में बड़े पैमाने पर चुनाव होता है। लेकिन लोकतंत्र का मतलब चुनाव नहीं होता, लोकतंत्र का मतलब होता है देश के फैसलों में जनता की भागीदारी और इस कसौटी पर देखें तो अपने देश में लोकतंत्र नहीं है-‘’सीधे ,सपाट और किसी आंदोलनकारी के मुंह से निकलने का आभास देते शब्द। लेकिन ये शब्द जस्टिस सुप्रीम कोर्ट के  जज पी वी (रिटायर्ड)...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close