‘पैसा ना कौड़ी, बीच बाजार में दौड़ा-दौड़ी’- क्या आपने कभी ये कहावत सुनी है? इस कहावत का ठीक-ठीक अर्थ समझना हो तो इस बार के अंतरिम बजट की एक खास घोषणा को गौर से पढ़िये! घोषणा हुई है कि दो हैक्टेयर तक की जोत वाले किसानों को सालाना आमदनी-सहायता के रुप में छह हजारे मिलेंगे, रुपया सीधा किसानों के बैंक-खाते में जायेगा. लेकिन क्या आपने अंतरिम वित्तमंत्री के अंतरिम बजट के हिसाब किताब पर...
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बंगाल की खाड़ी से बवंडर-- मृणाल पांडे
मूल मंशा चाहे जो रही हो, केंद्र से आये सीबीआई के जत्थे का यकायक कोलकाता के पुलिस कमिश्नर के घर पर नाटकीय धावा बोल देना बंगाल की खाड़ी से उठा एक बीहड़ बवंडर दिख रहा है. इसने देखते-देखते सारे देश को गिरफ्त में लेकर समूचे विपक्ष को ममता के पक्ष और केंद्र के खिलाफ लामबंद कर दिया है. यदि पता होता कि पांच साल पुराने मामले की जांच...
More »किसानों को मिले दीर्घकालिक हल-- आशुतोष चतुर्वेदी
मोदी सरकार की ओर से पेश किया गया अंतरिम बजट वैसे तो समाज के हर वर्ग को साधने वाला है, लेकिन यह छोटे किसानों पर विशेष मेहरबान है. अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट में किसानों, मजदूरों और मध्य वर्ग को ध्यान में रखते हुए कई घोषणाओं का एलान किया. यह मौजूदा सरकार का अंतिम बजट था. वैसे तो अंतरिम बजट में अगली सरकार चुने जाने तक के खर्च...
More »बुनियादी आय गारंटी योजना-- आकार पटेल
छोटे किसानों को प्रतिवर्ष 6,000 रुपये नकद देने की योजना की सरकारी घोषणा एक शानदार कदम माना जा रहा है, जिससे चुनाव में राजनीतिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है. बजट में घोषित इस योजना के पहले दो बातें हुई हैं. पहली वह रिपोर्ट, जिसे सरकार ने दबा दिया है, जो कहती है कि बेराजगारी दर 45 वर्षों में सर्वाधिक है. दूसरी यह कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी न्यूनतम...
More »बिहार: किसानों ने की यह गलती तो नहीं मिलेगे 6 हजार रुपये
राज्य के ऐसे किसान जिनके नाम एक फरवरी 2019 तक लैंड रिकॉर्ड में दर्ज हैं, उन्हें ही सालाना छह हजार नकद मिलेगे। इस तिथि के बाद अगर जमीन की खरीद-बिक्री के बाद जमीन दस्तावेजों में मालिकाना हक का बदलाव हुआ तो अगले पांच साल तक इस योजना का लाभ उन्हें नहीं मिलेगा। हालांकि, अगर अपनों के नाम पर जमीन हस्तांतरण में मालिकाना हक में बदलाव होता है तो वे इस...
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