साल-दर-साल बढ़ती तपिश चिंता का विषय बन रही है। इस साल मार्च के महीने में ही गुजरात और महराष्ट्र में अलर्ट जारी करना पड़ा है। एक ओर जहां गुजरात के अहमदाबाद में भीषण गर्मी के कारण ‘येलो अलर्ट' जारी किया गया है वहीं दूसरी ओर देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी पारा रेकॉर्ड तोड़ रहा है। मौसम विज्ञानी चढ़ते पारे को बड़ी चिंता का विषय मान रहे हैं। मौसम की...
More »SEARCH RESULT
निष्पक्ष चुनाव का भरोसा न हो खंडित--- एसवाई कुरैशी
ईवीएम विवाद एक बार फिर गरम हो उठा है। साल 1982 से जब से ईवीएम का इस्तेमाल शुरू हुआ है, तब से इस पर विवादों की छींटे पड़ते रहे हैं। हालांकि चुनाव आयोग ने बार-बार यह साफ किया है कि यह व्यवस्था सुरक्षित और चाक-चौबंद है। ईवीएम का निर्माण इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (परमाणु ऊर्जा विभाग का एक उद्यम) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (रक्षा विभाग के अधीन) करते हैं, और...
More »शिक्षा से सामाजिक सद्भाव-- जगमोहन सिंह राजपूत
यह हर राष्ट्र का पहला कर्तव्य है कि वह अपना भविष्य संवारने के लिए वर्तमान का लगातार वस्तुनिष्ठ विश्लेषण और तदनुरूप तैयारी करता रहे। लोकतंत्र में सर्वमान्य नीतियों का निर्माण बहुधा कठिन हो जाता है। फिर भी जब राष्ट्र की सुरक्षा खतरे में होती है तो सब मतभेद भुला दिए जाते हैं, उसी प्रकार भविष्य की पीढ़ी को सुचारु रूप से तैयार करने में भी राष्ट्रीय योजनाएं सभी की सहमति...
More »खैरात बांटती राजनीति का सच -- अनुपम त्रिवेदी
अपने पिछले लेख में मैंने लोकतंत्र के दुरुपयोग और उसके बिगड़ते स्वरूप का उल्लेख किया था. यह भी जिक्र किया था कि कैसे राजनीतिक दल लोकतंत्र के नाम पर अनाचार में संलिप्त रहते हैं. उसी कड़ी में आज जिक्र एक ऐसे मुद्दे का, जिसने न केवल लोकतंत्र को कमजोर किया है, बल्कि हमारी खुद्दारी और स्वाभिमान पर भी गहरी चोट की है. बात है उस खैरात की, जिसे हर राजनीतिक...
More »युवा हरदम रहा है आजादखयाल - मृणाल पांडे
कहना कठिन है कि जेएनयू के कमउम्र छात्रों तथा परिसर की गोष्ठियों में कुछ प्रत्याशित सी बहसों तथा अचानक आए अनजान लोगों की उकसाऊ नारेबाजी से सरकार ने एकदम उखड़कर शिक्षकों सहित उस परिसर को लगभग अपना भीषण दुश्मन क्यों मान लिया होगा? इस बात के तूल पकड़ने पर बेवजह उसने देश भर के अकादमिक जगत तथा मीडिया के बडे हिस्से से बेवजह दुश्मनी साध ली, पर अब लगता है...
More »