आगरा। महंगाई के खिलाफ भड़की आग फैलने लगी है। जगदीशपुरा में बवाल के दूसरे दिन हरीपर्वत में बस्ती वाले हाईवे पर उतर आए। नारेबाजी करते प्रदर्शनकारियों ने उग्र रूप धारण कर लिया, तभी पुलिस बल पहुंच गया। पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया। अधिकारी घंटे भर बस्तीवालों को समझाते रहे। उधर, जगदीशपुरा में बवाल के दूसरे दिन बाजार खुले और स्थिति शांतिपूर्ण रही। पुलिस ने नौ सौ अज्ञात लोगों के खिलाफ...
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गरीबों को मुख्यधारा में लाएगी यूआईडी योजना : नीलकनी
भोपाल. केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी यूआईडी (विशिष्ट पहचान संख्या) योजना का पहला नंबर फरवरी 2011 तक जारी हो जाएगा। इस वृहद परियोजना का लाभ उन करोड़ों गरीबों को मिलेगा, जिनकी सरकारी तंत्र में कोई पहचान नहीं है और जो समाज में हाशिए पर हैं। यह कहना है यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) के अध्यक्ष पद्मभूषण नंदन नीलकनी का। एक दिन के भोपाल प्रवास के दौरान दैनिक भास्कर कार्यालय...
More »आर-पार से पहले मंझधार- बीटी बैंगन का विवाद
बीटी बैंगन की खेती को जेनेटिक इंजीनियरिंग एडवाइजरी कमिटी की हरी झंडी मिलने के साथ एक बार फिर आनुवांशिक रुप से प्रवर्धित बीजों के इस्तेमाल का सवाल मीडिया की सुर्खियों में है।जेनेटिक इंजीनियरिंग एडवाइजरी कमिटी वन और पर्यावरण मंत्रालय से जुड़ी एक नियामक संस्था है। वैज्ञानिक की टोली वाली इस समिति ने पिछले १४ अक्तूबर को बीटी बैंगन की व्यावसायिक खेती को निरापद करार देते हुए हरी झंडी दे दी थी। बीटी बैंगन की खेती को निरापद करार देने के समिति...
More »सूचना के अधिकार अधिनियम की धार कुंद करने की कोशिश
रोजमर्रा के राजकाज में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक बड़ा कदम समझा जाने वाला सूचना का अधिकार नियम गंभीर खतरे की जद में है। पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान इस ऐतिहासिक अधिनियम को बार-बार अपनी उपलब्धि कहकर भुनाने वाली यूपीए सरकार अब सत्ता के गलियारों में ऊंची कुर्सियों पर काबिज लोगों के आगे झुकते हुए इस अधिनियम में बदलाव करने वाली है ताकि नागरिकों के हाथ मजबूत करने वाला...
More »मणिपुर में एक सत्याग्रह के नौ साल
अब से ठीक दो हफ्ते बाद 4 नवंबर 2009 को एक पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में एक सत्याग्रह के नौ साल पूरे होंगे। अब से ठीक दो हफ्ते बाद दुनिया की तारीख में चुपके से कहीं दर्ज होगा कि एक स्त्री पूरे नौ सालों से भूखी-प्यासी राजकीय हिंसा के खिलाफ अडिग होकर खड़ी है और उसका नाम राजकीय हिंसा से गांधीवादी तरीके से लड़ने वाली महिला-शक्ति का एक प्रतीक बन...
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